रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट
डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल सेमरा में डी.ए.वी.बिहार प्रक्षेत्र-एफ के अंतर्गत हिन्दी व संस्कृत विषयों की दो दिवसीय विषय संवर्धन कार्यशाला का आयोजन हुआ।कार्यशाला का आरंभ विद्यालय पंरपरा के अनुसार वैदिक विधि से हवन तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल्स बिहार प्रक्षेत्र -एफ के विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्वागत-संबोधन करते हुए कार्यशाला संमन्वयक प्राचार्य श्री प्रेमचंद त्रिपाठी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा डी.ए.वी.की पहचान है। बदलते समय और संदर्भ के अनुसार अपने आप को समय-समय पर संवर्धित करना बहुत जरूरी है।इस दो दिवसीय कार्यशाला का यही उद्देश्य है। मुझे उम्मीद है,आप सभी के लिए यह कार्यशाला बहुत व्यावहारिक और उपयोगी साबित होगा।साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां से सीखे शिक्षण कौशलों का उपयोग आप अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य के दौरान करेंगे।
डी.ए.वी.तेंदुनी चौक, बिक्रमगंज की प्राचार्या कुमारी प्रिया नें कार्यशाला में आए शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि समय-समय पर अपने शिक्षण कौशल और ज्ञान की पुनरावृति बहुत जरूरी होता है।बच्चों को पढ़ाते हुए उनकी बातों को सुनें और उन्हे अभिव्यक्ति का उचित अवसर दें। इससे बच्चों में सीखने की प्रवृति बढ़ती है।
विभिन्न विद्यालयों के पचास से भी अधिक शिक्षक कार्यशाला में हुए शामिल
हिन्दी-संस्कृत विषयों के संवर्द्धन के क्रम में कक्षा प्रबंधन,पद-परिचय,छन्द विचार,वाक्य-वाच्य,संन्धि प्रकरण,ई.पाठ योजना व विभिन्न भाषा कौशलों और आधुनिक शिक्षण के विविध नावाचार की व्यावहारिक प्रस्तुति हुई।इस कार्यशाला में डॉ.ब्रजेश कुमार विभूति,डॉ.कुंदन सिंह,जगदीश प्रजापति हिन्दी प्रशिक्षक के रूप में तो डॉ.शशि रंजन पाण्डेय व स्वामीनाथ शुक्ल संस्कृत प्रशिक्षक के रूप में शामिल हुए। इस दो दिवसीय कार्यशाला में लगभग पचास शिक्षक संवर्धित हुए। प्रत्येक दिन एक-एक घंटे का पांच सत्र आयोजित हुआ।
इस तरह दो दिन में कुल दस सत्र के रूप में दस घंटे का शिक्षक प्रशिक्षण का कार्यशाला संपन्न हुआ।विषय- शंका समाधान,अनुभव की साझेदारी व धन्यवाद ज्ञापन के साथ दो दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया।धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक डॉ.ब्रजेश कुमार विभूति द्वारा किया गया। विद्यालय में शिक्षकों के ठहरने, जलपान, भोजनादि की उचित व्यवस्था भी विद्यालय प्रबंधन के द्वारा किया गया था।आयोजन को सफल बनाने में सभी शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों की सक्रिय भूमिका रही।