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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामला- मुस्लिम पक्ष ने सर्वे की माँग पर दाखिल की आपत्ति, 11 नवंबर को हिन्दू पक्ष दाखिल करेगा जवाब

वाराणसी। ज्ञानवॉपी श्रृंगार गौरी मामले मे दूसरा सर्वे कराने के मामले मे जिला जज एके. विश्ववेश की अदालत मे सुनवाई हुईं। इस सुनवाई के दौरान 44 लोग मौजूद रहे। अदालत मे हिन्दू पक्ष की ओर से बहुत पहले ही प्रार्थना पत्र दिया गया था की शिवलिंग वाले स्थान के निचे की आर्टिफिशियल दिवार और दरवाजा हटाकर दुबारा सर्वे करने की जरूरत है इस प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट मे आपत्ति दाखिल की। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के पहले सर्वे रिपोर्ट पर भी आपत्ति दाखिल किया। मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति दाखिल नहीं की थी तो पिछली तारीख को कोर्ट ने सौ रुपया जुर्माना लगाया था। अब मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर जवाब देने के लिए हिन्दू पक्ष को 11 नवंबर तक का समय दिया गया है इसके अलावा इस मामले मे शासन भी प्रतिवादी है कोर्ट ने शासन की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए 11 नवंबर का ही समय दिया है।

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले मे पूजा अर्चना व अन्य विग्रहो को संरक्षित करने वाली याचिका पर 82ग के तहत अदालत मे सुनवाई शुरु हुईं। इस मामले मे ज्ञानवापी मामले के हिन्दू पक्षकार की ओर से कमीशन द्वारा दूसरा सर्वे कराने से सम्बन्धित दिए गए प्रार्थना पत्र सुनवाई हुईं।

 

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने बताया की सर्वे कराने के लिए हमारे प्रार्थना पत्र पर आज मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है इस आपत्ति मे 14 अक्टूबर के कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वह क्षेत्र पहले से सील किया जा चुका है ऐसे मे स्थानीय कोर्ट इस मामले मे कोई फैसला नहीं दे सकती है। इसके भी उन्होंने अपनी आपत्ति मे और भी बाते कही है अब इस पर हमें जवाब दाखिल करना है।अदालत ने आपत्ति दाखिल करने के लिए 11 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। उधर मिडिया ने ज्ञानवापी परिसर को संरक्षित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया और बताया गया की उसकी मियाद 11नम्बर ही है। इस पर अधिवक्ता द्वय ने कहाँ की सिविल मामले के एक्सटेंशन के लिए हमारी ओर से प्रार्थना पत्र सुप्रीम कोर्ट मे दिया गया है जिसकी सुनवाई 11 नवंबर को है इसके बाद 11नम्बर को जिला जज की अदालत मे सुनवाई होनी है। इसके अलावा जिला जज ने कोर्ट मे विशेष टिप्पणी की है।अदालत ने कहाँ की आगे से इस मुक़दमे मे एक हफ्ते से ज्यादा की अवधि की तारीख अब नहीं दी जाएगी इसके अलावा उन्होंने सभी पक्ष से कहाँ की इस मुक़दमे को लग्ज्यारियस सूट की तरह नहीं चलने देंगे अदालत का समय कीमती है कृपया उसका सही उपयोग करे। मालूम हो की इससे पहले जिला जज की अदालत मे ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मे पक्षकार बनने के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मन्दिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी समेत आठ लोगो के प्रार्थना पत्र को अदालत ने ख़ारिज कर दिया था।

इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर स्थित मजार के उर्स मनाने से सम्बन्धित लोहता निवासी मुख़्तार अहमद के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने सुनवाई के लिए भी 11 नवंबर की तिथि निर्धारित की है कोई उधर ज्ञानवापी परिसर मे मिले कथित शिवलिंग जिसे मुस्लिम पक्ष फ़ौव्वारा बता रहा है की वैज्ञानिक विधी से जांच का मामला जिला जज की अदालत से ख़ारिज होने के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है

ज्ञानवापी विवाद की पोषणीयता पर जिला जज की अदालत से सुनवाई योग्य होने का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पंहुचा हुआ है।

 

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Author: Bakwas News

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