बलिया। मीडियम फ्लड के करीब पहुंच गंगा का जल स्तर रविवार सुबह से स्थिर हो गया। उधर, घाघरा में शनिवार रात से धीमी गति से घटाव शुरू हो गया है। बावजूद प्रभावित क्षेत्र के लोगों की दिक्कते कायम है। गंगा के बाढ़ के पानी में रामगढ़ क्षेत्र के सैकड़ों बीघे मिर्च, परवल, टमाटरआदि की फसल जलमग्न हो गयी। किसान सकते में है। पीड़ित परिवार मदद की आस लगाये बैठे हैं। घाघरा के अधिकतर बाढ़ क्षेत्रों में अब तक सरकारी सहायता नहीं पहुंच पायी है।
गायघाट गेज पर रविवार शाम चार बजे नदी का जलस्तर 58.080 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी यहां सुबह आठ बजे खतरा बिन्दु 57.615 मीटर से 47 सेमी ऊपर पहुंच कर स्थिर हो गयी है। बाढ़ का पानी सैकड़ों किसानों की कमर तोड़ चुका है। मौजा गायाघाट में छोटक रज्जक, विक्रमा, मुन्ना, शम्भू, विजय, श्रवण तुरहा आदि के पचास बीघे से अधिक की मिर्च, टमाटर आदि की फसल नष्ट हो गयी। वहीं शुक्लछपरा के योगेन्द्र तुरहा, कन्हैया तुरहा, रमेश आदि की पचासों बीघे में बोयी गयी परवल की फसल डूब कर जल मग्न हो गयी है। इसमे योगेन्द्र के 12 व कन्हैया के तीन बीघे की फसल शामिल है।
उधर, शनिवार दिन भर ठहराव के बाद देर रात से घाघरा नदी में घटाव शुरू हो गया है। बावजूद बस्तियों में घुसा बाढ़ का पानी फिलहाल बाहर नही निकला है। पीड़ित मदद की आस में जिम्मेदारों की राह निहारते देखे जा रहे है। अधिकाश पीड़ितों तक अब तक राहत मुहैया नहीं हो पायी है। आयोग के अनुसार शाम चार बजे डीएसपी हेड पर घाघरा का जल स्तर 65.580 मीटर रिकार्ड किया गया। जबकि एक सेमी प्रति घंटे का घटाव हो रहा है। नदी यहां अब भी खतरा बिन्दु 64.010 मीटर से 1.57 सेमी ऊपर बह रही है। पिछले आठ घंटो मे आठ सेमी का घटाव दर्ज किया गया है। नीचले इलाकों जगछपरा से लेकर गायाघाट-रुद्रपुर तक एनएच के दक्षिण दिशा के दर्जनों मकानों तक गंगा के बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। नदी के ठहराव के बाद उक्त पीड़ित राहत महसूस कर रहे है। गंगा में आयी बाढ़ से गंगा उस पार नौरंगा पंचायत के मौजा भगवानपुर, तिरासी, कोन्हिया में गंगा कटान के रूप मे एक बार फिर कहर बरपाने लगी है। बीते चौबीस घंटे के अंदर करीब पांच बीघा खेत नदी में विलीन हो चुके है।