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ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी विवाद – शिवलिंग के जांच पर अब 14 और पूजा के अधिकार पर 12 अक्टूबर को होंगी सुनवाई

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी से जुड़े दो मुकदमो की सुनवाई मंगलवार के दिन दो अलग अलग कोर्ट मे हुईं। पहला केस ज्ञानवापी परिसर मे मिले कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक पद्धति से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जांच कराने की माँग से जुड़ा हुआ है । इस केस की सुनवाई जिला जज डा. अजयकृष्ण विश्ववेश की कोर्ट मे हुईं। कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 14 अक्टूबर निर्धारित कर दी है।

उधर दूसरे मुक़दमे ज्ञानवापी परिसर मे मिले कथित शिवलिंग के पूजा पाठ की माँग के अधिकार के मामले सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेन्द्र कुमार पाण्डेय की कोर्ट मे सुनवाई हुईं। इस दौरान कोर्ट ने 16 लोगो को कोर्ट मे मौजूद रहने की अनुमति दी थी। अब इस मुकदमे की नियमित सुनवाई होंगी और मुक़दमे की अगली सुनवाई 12अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने मे एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कारवाई के दौरान पिछले 16 मई को कथित शिवलिंग मिला था।

माँ श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओ मे सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और राखी सिंह ने दावा किया है की पत्थर प्राचीन शिवलिंग है। महिलाओ ने कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बगैर उसकी और इसके इर्द गिर्द के एरिया की वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराने की माँग की है। उनका कहना है की जांच के दौरान पता लग सके की शिवलिंग कितना पुराना है साथ ही यह भी स्पष्ट हो सके की वह कितना लम्बा और चौड़ा है और उसका अरघा कितना गहरा है।

मंगलवार के दिन मस्जिद कमेटी की ओर से कहाँ गया की कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। कारण की हिन्दू पक्ष ने अपने केस ज्ञानवापी मे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष देवी देवताओं की पूजा की माँग की है। फिर शिवलिंग की जांच की माँग क्यों की जा रही है। हिन्दू पक्ष ज्ञानवापी मे कमीशन द्वारा सबूत इकठ्ठा करने की माँग कर रहे है सिविल प्रक्रिया सहिंता मे ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।हिन्दू पक्ष ने मस्जिद कमेटी की दलिलो का विरोध किया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए सुनवाई की अगली तारीख 14 अक्टूबर निर्धारित कर दी है।

वही विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेन्द्र सिंह, विसेन की पत्नी किरण सिंह ने ज्ञानवापी परिसर मे मुस्लिमो के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। उनकी माँग है की ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओ को सौप दिया जाए। ज्ञानवापी परिसर मे मिले शिवलिंग की पूजा पाठ भोग, राग व श्रृंगार का अधिकार हिन्दुओ को दिया जाए।

इस मामले मे सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक की ओर से भगवान आदि विशेश्वर विराजमान केस की सुनवाई के लिए 16 पक्षकारो को उपस्थित होने की अनुमति मिली थी। उसमे भगवान आदि विशेश्वर का नाम सबसे ऊपर था। अब इस मुक़दमे की नियमित सुनवाई होंगी।

उधर अंजुमन इन्तेजामिया मस्जिद कमेटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहाँ की यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है अब अदालत 12 अक्टूबर यानी बुधवार की दोपहर ढाई बजे मुकदमे की फिर से सुनवाई करेगी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष अपना पक्ष रखेगा।

शिवलिंग की जांच पर 14 अक्टूबर को कोर्ट सुना सकती है फैसला

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण मे जिला जज अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत मे सुनवाई के बाद हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मिडिया को बताया की आज अदालत मे प्रतवादी पक्ष अंजुमन इन्तेजामिया मस्जिद कमेटी ने अदालत मे अपनी आपत्ति दाखिल की है। उन्होने कहाँ की ज्ञानवापी परिसर मे मिली आकृति की कार्बन डेंटिंग नहीं हो सकती। इस पर हमारी तरफ से भी पक्ष रखा गया की हमने कार्बन डेंटिग की माँग नहीं की है बल्कि वैज्ञानिक आधार पर परीक्षण करने व एएसआई सर्वेक्षण की माँग की है। बल्कि वैज्ञानिक आधार पर सर्वेक्षण करने की माँग है। इस मुक़दमे मे अदालत 14 अक्टूबर को अपना फैसला सुना सकती है।

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Author: Bakwas News

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