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पीपीपी मॉडल पर किसानो को सब्जी की तकनीकी के बारे मे जानकारी देते भारतीय सब्जी अनुसंधान के सदस्य

वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुससंधान ने पीपी मॉडल पर किसानो तक सब्जी की उन्नत प्रजातियों को पहुंचाने की पहल की है ताकी सब्जी का उत्पादन बढ़ाया जा सके इसको लेकर सब्जी अनुसंधान संस्थान मे रविवार के दिन प्रसार दिवस का आयोजन किया गया। इसमें योजनाओं को लेकर रणनीति तैयार की गई। कार्यक्रम मे संस्था के कार्यवाहक निदेशक एवं ज़ोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई के प्रभारी डा. प्रभाकर मोहन सिँह ने संस्था की ओर से विकसित उन्नत किस्म के बीजो की किसानो को समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संस्थान के संकल्प को दोहराया। इसकी पूर्ति के लिए निजी क्षेत्र की बीज कम्पनियों से सुचारु व क्रियाशील अनुबंध करने हेतु विचार विमर्श किया।

 

उन्होंनो ने बताया की संस्थान संकर किस्मो के संस्थातरण अनुबंध के अन्तर्गत कम्पनियों को किस्मो के मूल्यांकन के लिए 100 मी. क्षेत्र के लिए सैम्पल बीज भी उपलब्ध कराता है। कार्यक्रम समन्यवक व संस्थान तकनीकी प्रबंधन इकाई के प्रभारी डा. शैलेश कुमार तिवारी ने बताया की संस्थान द्वारा पीपीपी मोड़ से अब तक लगभग 79 अनुबंध निजी कम्पनियों से किए जा चुके है। इन अनुबंधों के विभिन्न पहलुओं से कम्पनियों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया।

 

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहेरा के दिशा निर्देश पर संस्थान की तरफ से पहल शुरू की गई है। इसको लेकर तृतीय तकनीकी प्रसार दिवस का आयोजन किया गया। इसमें भिंडी, लौकी, कद्दू, करेला, ककड़ी, खरबूजा, टिंडा ओर करमसाग के उन्नत किस्मो को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शित किया गया है। निजी क्षेत्र की 10 अग्रणी बीज कम्पनियों के 25 प्रतिनिधियों ने संस्थान के अनुसंधान प्रक्षेत्र पर सब्जी की प्रदर्शित को सराहा साथ ही उनकी वैवसायिक उपयोगिता का मूल्यांकन किया।

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Author: Bakwas News

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