गाजीपुर। जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांग पत्र जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में तहसीलदार अभिषेक कुमार को सौंपा। तहसीलदार ने पत्रक को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने का आश्वासन दिया।
पत्रक सौंपने के बाद पत्र-प्रतिनिधियों से बात करते हुए सीबीईयू वाराणसी मंडल के मंडलीय मंत्री आनंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पूर्वांचल के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों में आज भी कहीं तीसरा, कहीं चौथा और कहीं पांचवां वेतन मिल रहा है, जबकि इन्हीं बैंकों के सीईओ व डीजीएम सांतवा वेतन लेते हैं। विभाग व बैंकों में सातवां वेतन मिलता है। इस वेतन विसंगति से 16 जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को आर्थिक तंगी में जीवन-यापन करना पड़ रहा है। इसलिए कोऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन उत्तर प्रदेश द्वारा अपनी लंबित मांगों के संबंध में 18 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पांच सुत्रीय मांग पत्र में नए लाइसेंस प्राप्त 16 जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को आयुक्त एवं निबंधक के वेतनमान पुनरीक्षण परिपत्र सं.-69 17 जनवरी 2022 की सुविधा दिये जाने। जिला सहकारी बैंको के कंप्यूटराइजेशन/डिजिटलाइजेशन में प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने, आधुनिकरण के लिए तकनीकी/बैंकिंग/सूचना प्रौद्योगिकी के लिए प्रोफेशनल विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने। चीनी मिलों को नियमों, अधिनियम, नाबार्ड, विभाग व सामान्य बैंकिंग के नियमों का उल्लंघन कर बैंकों द्वारा वित्त पोषण करने की जांच कराने। वर्ष 2012 से 2017 के दौरान भर्ती कर्मचारियों पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करते हुए कर्मचारियों की समस्त सुविधाएं बहाल करने आदि मांगे शामिल हैं।
बताया कि आंदोलन के अगले चरण में 31 अगस्त को लखनऊ में निबंधक कार्यालय पर प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन और 5 सितंबर को प्रदेश के समस्त सहकारी बैंकों में पूर्ण हड़ताल कर बैंक मुख्यालय पर कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे। पत्रक सौंपने के दौरान गाजीपुर यूनियन के अध्यक्ष विजय कृष्ण यादव, संतोष कुमार वर्मा, राकेश कुमार, शरद द्विवेदी, त्रियोगी नारायण चतुर्वेदी, संजय सिंह, जिउत सिंह, विनोद सिंह आदि शामिल रहे।