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मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत किसानों को सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रही है बिजली

बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। विद्युत कार्यपालक अभियंता सासाराम ब्रवीम ने बताया कि यह योजना न केवल किसानों को डीजल पंपों के महंगे और प्रदूषणकारी विकल्प से छुटकारा दिला रही है, बल्कि कृषि उत्पादन और उनकी आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा दे रही है। पहले किसानों को सिंचाई के लिए डीजल आधारित पंपों पर निर्भर रहना पड़ता था। डीजल की बढ़ती कीमतें और पंपों के रखरखाव का खर्च किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती थी इसके अलावा, डीजल पंपों से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण के लिए भी हानिकारक था लेकिन मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना और बिजली की उपलब्धता की फसल सिंचाई की लागत करीब 98 फीसदी तक कमी आयी है। किसानों को बिजली से चलने वाले मोटर पंप से सिंचाई करने की लागत घटकर मात्र दो रुपए प्रति घंटे रह गई है, जिससे वे खुशहाल हो रहे हैं। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार इस योजना के लाभुकों को प्रति यूनिट 6 रुपए 19 पैसे का अनुदान दे रही है। किसानों का कहना है कि बिजली से चलने वाले दो हॉर्स पावर के मोटर पंप के संचालन के प्रति घंटे मात्र 3-4 यूनिट बिजली की खपत होती है, जो काफी किफायती है। इस योजना के लागू होने से पहले जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) आधारित मोटर पंप से फसलों की सिंचाई करने में प्रति घंटे करीब 100 रुपये तक की लागत आती थी लेकिन अब मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत कनेक्शन लेने के बाद किसानों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध हो रही है। मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा पटवन कार्य की दर 6.74 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। राज्य सरकार द्वारा इस हेतु 6.19 प्रति यूनिट की दर से अनुदान दिया जा रहा है। कृषि कनेक्शन पर राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान के कारण किसानों को पटवन कार्य के लिए बिजली केवल 55 पैसे प्रति यूनिट पर उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को सिंचाई के लिए निःशुल्क कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। कृषक कृषि कार्य हेतु नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए सुविधा ऐप्प व विभागीय पोर्टल के माध्यम से आवेदन करें एवं आवेदन करते समय पहचान पत्र एवं आवासीय पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड तथा जमीन से जुड़े कागज (खेसरा) समर्पित करें।

CHANDRAMOHAN CHOUDHARY
Author: CHANDRAMOHAN CHOUDHARY

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