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बालू की खेल में काराकाट थानाध्यक्ष लाइन हाजिर

qरोहतास में अवैध बालू का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि इलाके में बालू के खेल में सभी चाहे वह माफिया हो नौकरशाह हो या पुलिस या प्रशासन के अधिकारी बहती गंगा में हर कोई हाथ धोने को आतुर है। या यूं कहें कि पीले बालू से काली कमाई कर दिन दोगीना , रात चौगीना तरक़्क़ी को लेकर बेक़रार है । इन सभी का बस नियमों को ताक पर रख धन अर्जित करना ही मुख्य उद्देश्य रह गया है। भले ही सरकारी राजस्व को चुना लगे तो लगे परवाह किसे है अपनी जेबें तो भर रहीं हैं न ।

दअरसल काराकाट के थानाध्यक्ष फुलदेव चौधरी का बालू माफियाओं से कितने में डील हुई है। इस मामले में कुछ लोगों से बात करते हुए एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद जब बिहार पुलिस की किरकिरी शुरू हुई तो आनन फानन में रोहतास के एसपी रौशन कुमार ने काराकट थानाध्यक्ष फुलदेव चौधरी को लाइन हाजिर कर दिया और वायरल वीडियो की जाँच की बात कही।

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि काराकाट के थानेदार फुलदेव चौधरी बालू वाले ट्रैक्टर को अपने थाना क्षेत्र में चलने देने को लेकर खुलेआम पैसे की लेनदेन की बात कर रहे हैं। काराकाट के थानाध्यक्ष फुलदेव चौधरी वर्दी में भी दिख रहे हैं। जो बातचित के दौरान बोल रहे हैं कि प्रत्येक ट्रैक्टर 3 हजार से 4 हजार और एक ट्रक से 5 हजार रूपये लेते हैं। तब इलाके में बालू की गाड़ी चलने देते हैं। उन्हें इस बात को लेकर आपत्ति भी है कि 9 ट्रैक्टरों का पैसा दिया जाता है, और इसके में इसके बदले 20 ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं। ऐसे में बालू का कारोबार करने वाले धंधेबाज थानाध्यक्ष को कितना लेनदेन तय करके क्षेत्र में धड़ल्ले से ट्रैक्टर व ट्रक चला रहे है। वायरल वीडियो में सुना जा सकता हैं। चुकी यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसकी हम पुष्टि नहीं करते है।

इस संबंध में रोहतास के एसपी रौशन कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही फिलहाल थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया है नए थानाध्यक्ष भागीरथी कुमार की पोस्टिंग की गई है। बताया कि वायरल हो रहे इस वीडियो के सत्यता की जांच की जा रही है। साथ ही जिन लोगों ने यह वीडियो बनाया है, उनसे भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। ताकि पूरा मामला स्पष्ट हो सके। फिलहाल थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

गौरतलब है कि रोहतास में बालू माफिया और अधिकारियों के साठ गांठ का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई अधिकारियों पर बालू माफियाओं से साठ-गांठ रखने और अवैध खनन कराने के आरोप में कार्रवाई हो चुकी है। जिसमें डेहरी के अनुमंडलाधिकारी के अलावे एक ए एसपी भी नप चुके हैं। वही पुलिस प्रशासन का दावा है कि समय-समय पर बालू के धंधेबाजो के विरुद्ध छापेमारी अभियान भी चलाया जाता है।

 

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