*नागरिक कर्तव्य से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में रखे 11 संकल्प*
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 11 संकल्पों को सदन के सामने रखा। इन संकल्पों में नागरिक कर्तव्यों से लेकर परिवारवाद से मुक्ति और महिलाओं के नेतृत्व में विकास का जिक्र किया गया है।
चाहे नागरिक हो या सरकार हो सभी अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
हर क्षेत्र हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ, सबका विकास हो।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता ना हो।
देश के कानून, नियम, परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों में गर्व का भाव हो।
गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिली।
संविधान का सम्मान हो, राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाय।
संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए, जिनको आरक्षण मिल रहा है वो न छीना जाए, धर्म के आधार पर आरक्षण की कोशिश पर रोक लगे।
महिलाओं के नेतृत्व में विकास के मामले में भारत दुनिया में मिसाल बने।
राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये विकास का मंत्र हो।
एक भारत श्रेष्ठ भारत का देश सर्वोपरी हो।