अरवल। जिला समाहरणालय के प्रांगण में जिला पदाधिकारी वर्षा सिंह के कार्यलय कक्ष जनता दरबार का आयोजन किया गया। जिसमें इलाके से पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी फरियाद लिखित आवेदन देकर सुनायी। आयोजित जनता दरबार में 13 परिवादियों के फरियाद को सुना गया। परिवादियों द्वारा भूमि विवाद, अनियमितता, मापी, दाखिल खारिज, रोजगार, आवास योजना, स्वच्छता, विद्युत विभाग एवं अन्य विभागों से संबंधित मामले थे।फरियादियों के आवेदन के शीघ्र निष्पादन हेतु जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिये गये। करपी प्रखण्ड स्थित ग्राम भुवापुर निवासी सूर्यकान्ती कुमारी द्वारा बताया गया कि मैं गरीब हूँ तथा मुझे आवास की सख्त जरूरत है। आवास योजना के तहत आवास दिलवाने की कृपा की जाए।इस संबंध में जिला पदाधिकारी द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी करपी को अविलम्ब जाँच कर निष्पादन हेतु निदेशित किया गया।
करपी प्रखण्ड स्थित ग्राम किंजर निवासी चन्द्रमोहन सिंह द्वारा बताया गया कि मैंने अपनी जमीन की मापी सरकारी अमीन द्वारा दो बार कराकर पिलर का निर्माण किया, उसके बाद भी विपक्षी द्वारा जमीन पर धारा 144 लगवा दिया गया एवं तंग किया जा रहा है।धारा 144 हटवाने की कृपा की जाए। इस संबंध में जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक दण्डाधिकारी एवं अंचलाधिकारी करपी को संयुक्त जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु निदेशित किया गया। इसी क्रम में द्वितीय अपीलीय प्राधिकार से संबधित कुल चार मामलों की सुनवाई हुई जिसमें दो का निष्पादन किया गया एवं दो मामलों की सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की गई।
माननीय जिला पदाधिकारी, अरवल, बिहार महोदया के द्वारा जनता दरबार लगाकार फ़रियाद तो सुनी जाती है और साथ में संबंधित पदाधिकारियों को जांच और आवश्यक कार्रवाई हेतु फरियादी के समक्ष निर्देश भी दे दिया जाता है तो क्या इनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए पीड़ित को समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है I ये बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है और ऐसा मैंने क्यूँ टिप्पणी की ये राजस्व विभाग के सारे आला अधिकारी अंचल-कलेर से लेकर जिला तक एवं जिला से लेकर राजस्व विभाग पटना तक I मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र का आजाद नागरिक के रूप में समझा जाता हूँ पर वास्तविक रूप से मैं भ्रष्टाचार, अपराध, धोखा, जालसाजी, फर्जीवाड़ा, षड्यंत्र ,खौफ एवं तानाशाही की बेड़ियों में मैं अपने पूरे परिवार सहित जकड़ा हुआ हूँ जो लगभग पिछले पाँच वर्षों से न्याय के लिए गुहार लगा रहा हूँ लेकिन न्याय मिलना तो दूर मुझे एवं मेरे परिवार की दिन दहाड़े भूमि माफियाओं और दबंगों के द्वारा हत्या कर दी जाती जिस तरह से घर. में घुसकर मेरी भाभी के आबरू से दिन दहाड़े सैकडों लोगों के बीच खिलवाड़ किया गया ,मेरे भाई और भतीजे को हत्या करने की मंशा से बुरी तरह से पीटा जा रहा था अगर गाँव के दो लोग बचाने के लिए नहीं आता ईन भू माफियाओं के द्वारा मेरी तीन निजी भूमि 3918, 3929 एवं 3922 के ऊपर न सिर्फ कब्जा कर लिया गया अपितु सरकारी सर्वे गली संख्या 3914 एवं 3926 के ऊपर अतिक्रमण कर उसपर अवैध निर्माण कर रास्ते को बंद कर दिया गया जिसमें अंचल-कलेर के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित अनुमंडल और जिला -अरवल स्तर के अधिकारी और कर्मचारी संलिप्त हैं कि किस प्रकार से चंद स्वार्थ में अपने पद की गरिमा को बेंच कर विजय शंकर राय ,उसके पुत्र और उसके भाईयों जैसे भूमि माफिया,दबंग ,फर्जीवाड़ा और ऊंचे पहुंच रखने वाले लोगों के साथ दलाली करना शुरू कर दिया है I क्या हम आजाद हैँ और क्या कोई ऐसे भ्रष्ट लोगों के द्वारा प्रशासन के चलाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर भरोसा कर सकते हैं नहीं कभी नहीं I