अरवल। करपी प्रखंड के सरवाली गांव में मां भगवती प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित श्रीमद भागवत कथा यज्ञ में भागवत पीठ पर विराजमान बारह मठाधीश स्वामी पुरुषोतमा चार्य जी महाराज ने अजामिल कयादू के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि उनके यहां संतो का आगमन हुआ। उन्हें केवल अपने होने वाले पुत्र का नाम नारायण रखने को कहते हैं। बालक होने पर उसे अरे नारायण, कहां हो नारायण, कुछ भी करे नारायण अन्त समय में पुत्र मोह के कारण से नारायण नारायण सच्चे ह्रदय से निकलने के कारण उस अधर्मी का भी उद्धार हो जाता है।
श्रीमद्भागवत अत्यंत गोपनीय रहस्यात्मक पुराण है। यह भगवत्स्वरूप का अनुभव कराने वाला और समस्त वेदों का सार है। संसार में फंसे हुए जो लोग इस घोर अंधकार से पार जाना चाहते हैं उनके लिए आध्यात्मिक तत्वों को प्रकाशित कराने वाला यह एक अद्वितीय दीपक है। इस दौरान यज्ञ समिति के सदस्य व पैक्स अध्यक्ष उदय शर्मा,गौरव कुमार समेत अन्य लोगो के द्वारा आने जाने वालों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।