अरवल। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा किसी भी पर्व के मौका पर आयुष चिकित्सा को तैनात किया जाता है चाहे कोई नेता धरना पर बैठे या किसी नेता का अरवल जिला में आगमन हो छठ घाट तथा दीपावली हो या दुर्ग पूजा एवं मोहर्रम का जुलूस हो आयुष चिकित्सा को लगाकर खाना पूर्ति किया जाता है।
अरवल में कई एमबीबीएस चिकित्सा मौजूद उसके बाद भी एमबीबीएस चिकित्सा को नहीं लगाया जाता है अगर किसी तरह का होनी अनहोनी घटना घटती है तो एमबीबीएस चिकित्सा तत्काल मरीज को इलाज करके जान बचा सकते हैं।
आयुष चिकित्सा के द्वारा मरीज के हालात को तत्काल राहत नहीं दे सकते हैं सिर्फ वह रेफर कर सकते हैं रेफर में किसी मरीज़ कि जान जा सकती है, विगत 5 वर्षों की सूची देखा जा सकता है सिर्फ आयुष चिकित्सक को छठ घाट दीपावली दुर्गा पूजा एवं मोहर्रम के जुलूस में इमरजेंसी ही ड्यूटी पर तैनाती की जा रही है, इस तरह का स्वास्थ्य विभाग के दुर्भावना से ग्रसित होकर आयुष चिकित्सा की ड्यूटी लगाई जाती है।
बताते चले के अरवल जिला में एमबीबीएस चिकित्सा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जिन्हें इमरजेंसी सेवा में अधिकारी के द्वारा जानबूझकर नहीं लगाया जाता है अक्सर त्योहारों में एमबीबीएस चिकित्सा मुख्यालय से बाहर रहते हैं ।
अगर कोई बड़ी अप्रिय घटना हो जाए तो स्वास्थ्य सेवा आयुष चिकित्सा के भरोसे या भगवान भरोसे है इस पर ना कोई विभिन्न राजनीतिक पार्टी के नेता बोलते हैं और ना ही सांसद विधायक अपनी बातों को जिला प्रशासन तक पहुंचाते हैं कि आयुष चिकित्सा की जगह पर एमबीबीएस चिकित्सा को तैनात किया जाए।