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टाड़ा बंदियों की रिहाई के विधायक महानंद सिंह के नेतृत्व में माले के कई विधायक मुख्यमंत्री से मिलकर आवेदन दिया

अरवल: 22 साल से टाटा के तहत जेल में बंद 14 बंदियों में अभी 6 बंदियों में जगदीश यादव, चुरामन भगत, अरविंद चौधरी, अजीत साव, श्याम साव और लक्ष्मण साव अभी भी जेल में बंद है । इसमें चार लोग काफी बुजुर्ग हो चुके हैं । कई तरह के बीमारी का शिकार हैं । इस संबंध में पिछले बार आवेदन दिया गया था लेकिन अभी तक सरकार द्वारा उन्हें नहीं रिहा किया गया । इस सवाल पर एक बार फिर माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर अपील की गई है ।

 

मुख्यमंत्री के नाम आवेदन में लिखा गया है कि बिहार सरकार ने विगत दिनों 14 वर्ष से अधिक की सजा काट चुके 27 कैदियों की रिहाई कर दिया है । लेकिन रिहाई सिर्फ चुनिंदा लोगों की हुई । हमारी पार्टी के विधायकों ने अरवल के भादसी कांड के टाडाबंदियों की रिहाई के सवाल पर इसके पहले भी माननीय मुख्यमंत्री जी से दो-दो बार मुलाकात की थी ।

 

विदित हो कि भदासी में 1988 की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 14 निर्दोष लोगों को फंसा दिया गया था और उनके ऊपर जन विरोधी टाडा एक्ट उस वक्त लगाया गया था, जब वह कानून पूरे देश में निरस्त हो चुका था । फिर 2003 में सभी 14 टाडा में फंसे सभी निर्दोष लोगों को आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी गई ।

 

टाडाबंदियों में अब तक 6 की मौत जेल में ही हो चुकी है ।जिसमें भाकपा माले के वरिष्ठ नेता एवं लोकप्रिय अरवल के मुखिया कांग्रेस शाह चांद भी शामिल थे । एक टांडा बंदी त्रिभुवन शर्मा को 2019 में पटना उच्च न्यायालय के आदेश से रिहा किया जा चुका है । लेकिन शेष 6 टाटा बंदी जगदीश यादव, चुरामन भगत, अरविंद चौधरी, अजीत साव, श्याम साव और लक्ष्मण साव अभी भी जेल में है ।

 

प्राप्त सूचना के अनुसार अन्य टाडाबंदियों की रिहाई पर पटना उच्च न्यायालय में जारी बहस के दौरान बिहार सरकार ने कहा कि वह त्रिभुवन शर्मा की पटना उच्च न्यायालय से रिहाई के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गई है । पटना उच्च न्यायालय ने भी इसे उचित नहीं माना और कहा कि फैसले के 3 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में जाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता है ।

 

सभी को रिहा करने के बजाय उल्टे सरकार का सुप्रीम कोर्ट में चले जाना हमारे लिए बेहद असहज स्थिति पैदा करने वाली है । जेल में बंद टाडाबंदियों ने 22 साल से अधिक की सजा काट ली है । सब के सब बूढ़े व बीमार हो चुके हैं और इसकी प्रबल संभावना है कि उसमें कुछ और मौतें हो न जाए ।

 

अतः हमलोग एक बार फिर आपसे आग्रह करते हैं कि 22 साल से जेल में बंद टाडाबंदियों की रिहाई के सवाल पर आप पूरी संवेदना के साथ सहानुभूति पूर्वक विचार करें ।

 

आवेदक को बहुत गहराई से माननीय मुख्यमंत्री ने पढ़ा और अपने पदाधिकारी को बुलाकर खास निर्देश दिया कि बहुत जल्दी रिपोर्ट तैयार कर उन्हें जमा करें ताकि 22 साल से जेल में बंद इन बंधिया को रिहाई की प्रक्रिया तेज किया जा सके । उन्होंने बहुत ही सकारात्मक आश्वासन दिया है ।उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री के पहल पर जेल में बंद सभी टाटा बंदी बहुत जल्दी रिहाई होंगे ।

 

माननीय मुख्यमंत्री से मिलने वालों में भाकेपा माले के विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, महानंद सिंह, सत्यदेव राम, अजीत कुशवाहा और मनोज मंजिल शामिल थे ।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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