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भागवत कथा श्रवण मनुष्य के संपूर्ण क्लेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है- स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

अरवल  । जिला के करपी प्रखंड के तेरा गांव में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्री मद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में व्यास पीठ पर विराजमान श्री श्री 1008 स्वामी पुरुषोतमाचार्य जी महाराज ने कथा के प्रथम दिन भागवत की महता के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से हीं व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता हैं।

 

श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। स्वामी जी ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है।वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं ।

 

श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए स्वामी जी ने कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है, आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की।

 

भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है ।चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए।भागवत श्रवण मनुष्य केे सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती हैं उन्होंने अच्छे और बुरे कर्मो की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी और गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मो के बारे में विस्तार से समझाया ।

 

इस अवसर पर ज़िला परिषद अध्यक्ष संध्या देवी भाजपा नेता संजय शर्मा समाजसेवी सुधीर शर्मा नीतीश पटेल मुखिया सुनील पटेल बिंकटेश शर्मा सहित हजारों श्रोता मौजुद थे।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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