अरवल । विगत 3 अक्टूबर को मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित उससे जुड़े कई प्रतिष्ठित पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापा मारा तथा संस्थान के संस्थापक प्रवीर पुरकायस्था, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती; पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह, अभिसार शर्मा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया. बाकि लोगों को तो पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ दिया गया लेकिन प्रवीर पुरकायस्था और अमित चक्रवर्ती को जेल भेज दिया गया।
यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है. पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है।
मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी।
मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है. मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है. बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है. इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल खोलने की संभावना अब भी मौजूद है. सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है।
इस तरह के निर्लज्ज हमले के खिलाफ पूरे देश में प्रेस की आजादी की पुनर्बहाली की मांग पर बड़े बड़े कार्यक्रम चल रहा है।
मार्च भाकपा माले जिला कार्यालय से निकलकर पूरे शहर में नारे लगाते अरवल ब्लॉक प्रांगण तक पहुंचा जिसका नेतृत्व भाकपा माले जिला सचिव कॉम जितेंद्र यादव कर रहे थे।
मार्च में भाकपा माले जिला जिला कमिटी सदस्य और येपवा नेत्री कॉम लीला वर्मा,कॉम सुरेंद्र प्रसाद,कॉम शुएब आलम,नगर सचिव नंदकिशोर कुमार, युवा नेता नीतीश कुमार, सहित दर्जनों नेता मार्च सभा में शामिल थे। मार्च सभा का अध्यक्षता कॉम शोएब आलम ने किया सभा को भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य कॉम रविंद्र यादव ने मार्च सभा संबोधित किया।