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अभाकिम के आयोजित सम्मेलन की सफलता को ले त्रिभुवन शर्मा अध्यक्ष और राजेश्वरी यादव सचिव बनाए गए

अरवल। केंद्र की भाजपा सरकार पूरे देश की खेती को चौपट करने में लगी हुई है । सरकार एमएसपी को कानूनी दर्जा देने में आनाकानी कर रही है । जबकि मोदी सरकार से किसान आंदोलन के दौरान किसान नेताओं से हुई वार्ता में इसे लागू करने का आश्वासन दिया गया था । अभी तक इसे लागू नहीं किया जाना सरकार की असली मंशा पर सवाल उठता है ।

 

उन्होंने आगे कहा कि इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे । मोदी सरकार कारपोरेट घरानों के लिए किसानों की खेती चौपट करने पर आमदा है । सरकार कॉरपोरेट को हर हाल में किसानों की जमीन सौंपने की चाल चल रही है । सरकार के इस चाल को हमें नाकाम करना है । 2024 के चुनाव में जब भाजपा के लोग आए तो उनसे सवाल करना होगा किसानों के साथ हुई वार्ता में सरकार क्या कर रही है । जिन किसानों का आंदोलन खत्म हुआ जिसमें ज्यादा से ज्यादा किसानों की कुर्बानी को याद करके भाजपा के साथ सलूक करना है । सरकार किसानों से अनाज खरीदने की परिपाटी बंद करने जा रही है । चुनाव तक केवल इसे लागू कर रही है । चुनाव तक ही महज गरीबों को अनाज देने की योजना चलेगी ।

 

भाकपा माले राज्य स्थाई कमेटी के सदस्य एवं अरवल के विधायक महानंद सिंह ने कहा कि किसानों के समस्या को लेकर विधानसभा में हमेशा सवाल उठाते रहे हैं । एक बार फिर सरकार को इस मामले में आगाह किया जाएगा । नहर एवं किसानों के लिए बिजली का क्या हुआ ? अभी भी नहर दुरुस्त नहीं हुए हैं । जब तक नहर दुरुस्त नहीं होगा कदवन जलाशय का निर्माण नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा । सदन से लेकर सड़क तक इस आंदोलन को तेज किया जाएगा ।

 

उन्होंने किसानों के लिए उठाए गए कई महत्वपूर्ण सवालों का जिक्र करते हुए बताया कि अरवल के विकास के लिए लगातार सरकार एवं जिला प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं ।

अखिल भारतीय किसान महासभा के सम्मेलन को संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का चुनाव हुआ, जिसमें कामरेड रामकुमार सिन्हा, कामरेड राजेश्वरी यादव और कामरेड त्रिभुवन शर्मा प्रमुख थे । सम्मेलन के पर्यवेक्षक किसान महासभा के राज्य सचिव कॉमरेड उमेश सिंह के देखरेख में कमेटी का चुनाव हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से 21 सदस्यीय जिला परिषद का गठन किया गया । 21 सदस्यीय जिला परिषद ने कामरेड त्रिभुवन शर्मा को अध्यक्ष जबकि राजेश्वरी यादव को सचिव चुना । इसके अलावा जिला पार्षद महेश यादव, देव मंदिर सिंह एवं गणेश यादव को सहसचिव तथा उपाध्यक्ष चुना गया । सम्मेलन से जिला में किसानों के जमीन के सर्वे में धांधली, मोटेशन करने के मामले में सीओ द्वारा टालमटोल करने, सारे कागजात के बावजूद दखिलखरीज रद्द करने , किसानों के कृषि के लिए मुफ्त में बिजली देने, नहरे में नियमित नियमित पानी की गारंटी करने तथा अन्य तरह के किसानों के ज्वलंत सवाल को लेकर अक्टूबर माह में विशाल प्रदर्शन करने का प्रस्ताव लिया गया ।

 

सम्मेलन की शुरुआत बाबासाहेब अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यर्पण के बाद किसान आंदोलन के दौरान कुर्बानी देने वाले शहीदों के सम्मान में मौन श्रद्धांजलि दी गई । उसके बाद शहीद बेटी पर सभी नेताओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई ।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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