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प्रमुख व समिति सदस्यों ने षस्टम वित्त की राशि से योजना की चयन को सही बतलाया

तरारी। प्रखंड प्रमुख डेजी कुमारी और समिति सदस्यों ने षस्टम वित्त आयोग की राशि से की गई योजनाओं के चयन को सही बतलाया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति देने में कोई भी नियम कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है । इसमें किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती गई है।

 

प्रमुख ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि जिला परिषद उपाध्यक्ष लाल बिहारी सिंह द्वारा षस्टम वित्त की राशि से  योजनाओं के प्रशासनिक स्वीकृति देने में अनियमित का आरोप लगाया गया था। जिला परिषद उपाध्यक्ष द्वारा डीडीसी के यहां इस संबंध में शिकायत की गई थी। उनके शिकायत के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार द्वारा जांच की गई ।

 

अनुमंडल पदाधिकारी ने डीडीसी को जांच रिपोर्ट सौंपी है। उसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी को क्लीन चिट दे दी गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार पंचायत समिति तरारी के षस्टम वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 22 – 23 की योजनाएं पूर्ण होने के बाद 10 योजनाएं की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। जिसकी कुल राशि 6550 485 है।

 

वित्तीय वर्ष 22 -23 में षस्टम वित्त आयोग के मद से योजनाएं पर खर्च करने के बाद करीब एक करोड़ से अधिक राशि अवशेष के रुप में बची हुई है। पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा वर्षा मानसून से पहले जनहित हेतु कार्य प्रारंभ करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति देने हेतु अनुरोध किए जाने पर खाते में उपलब्ध अवशेष राशि के वित्तीय वर्ष 23 -24  में सात योजनाएं की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। 7500 रुपए के हिसाब से अग्रिम भुगतान किया गया।

 

पंचायत समिति सदस्यों के अनुरोध पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के उपरांत षस्टम वित्त आयोग मद की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति देकर अग्रिम राशि का भुगतान किया गया है। प्रमुख डेजी कुमारी पंचायत समिति सदस्य रामाशंकर सिंह उप प्रमुख सुशील कुमार मिश्रा दुर्गा देवी लव कुमार नितीश कुमार रेखा देवी ने षस्टम की योजना चयन में  अनियमितता नहीं हुई की बात कही है। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से जनहित के कार्य में योजना का चयन हुआ है। इसमें किसी तरह की धांधली एवं गबन का आरोप निराधार है।

 

जिला परिषद उपाध्यक्ष लाल बिहारी सिंह इस संबंध में कहा कि हम प्रखंड प्रमुख और समिति सदस्यों पर कोई आरोप नहीं लगाए हैं। हम तो प्रखंड विकास पदाधिकारी पर योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति देने में अनियमितता बरतने पर का आरोप लगाया है। बीडीओ गलत तरीके से योजनाओं का प्रशासनिक स्वीकृति दिए हैं। अब जिलाधिकारी से शिकायत कर जांच करने की मांग करेंगे।

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