अरवल आशा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आवाहन पर 12 जुलाई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल के समर्थन में आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ(गोपगुट) एवं बिहार राज्य आशा-आशा फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले सिविल सर्जन कार्यालय अरवल पर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आशा संघ(गोपगुट) के आशा देवी ने किया।
वही कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित भाकपा माले के जिला सचिव जितेंद्र यादव ने कहा कि सभी आशाओं कार्यकर्ताओं को पारितोषिक नहीं राज्य कर्मी का दर्जा देने, सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार मासिक वेतन देने, कोरोना महामारी में मृत आशाओं के घर परिवार को 4 लाख रुपए मुआवजा देने, सभी आशाओं फैसिलिटेटर को पेंशन योजना बहाल करो, कोरोना महामारी में ड्यूटी कर रही सभी आशाओं को 10 हजार रूपया कोरोना भत्ता देने, आशाओं को आधा अधूरा नहीं पूरा ड्रेस मुहैया कराना होगा.
सभी आशा फैसिलिटेटर कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि मासिक वेतन भुगतान सहित सभी में पारदर्शिता कराना होगा. अस्पताल परिसर में आशा कार्यकर्ताओं के लिए रूम का व्यवस्था करने, आशाओं के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार कमीशन खोरी पर सख्ती से रोक लगाई जाए..आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, अस्पताल में प्रसव के दौरान घूसखोरी सहित अन्य मांगों को लेकर नारे लगाते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में भाकपा माले के सुऐब आलम, गोपगुट के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, आशा कार्यकर्ता उर्मिला देवी, विमला देवी, आराधना कुमारी, आदि ने सम्बोधित किया.