रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट
भारत की प्रथम अध्यापिका सह समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर लोगों ने याद किया। शहर के सासाराम रोड स्थित मुन्नी सिह मार्केट में उनकी जयंती मनाई गई।तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर लोगों ने उन्हें नमन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक संतोष कुमार उर्फ संतोष भंडारी द्वारा किया गया।
मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि शहर के प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डॉक्टर संत प्रसाद ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले का जीवनी संपूर्ण समाज के लिए अनुकरणीय है।जब नारी एवं नारीत्व दोनों को समाज के पाखंडीयो द्वारा पीड़ित रखा जाता था, उस क्रम में माता सावित्रीबाई फुले अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर उन पाखंडीयों को करारा जवाब देने का काम किया। शोषित, दलित एवं महिलाओं में शिक्षा का ज्योत जगाते हुए समाज के प्रति स्वयं को उन्होंने समर्पित रखा। वहीं विशिष्ट अतिथि अधिवक्ता जयराम प्रसाद ने कहा कि भारत में एक ऐसा दौर था जब नारी शिक्षा को प्रतिबंधित रखा गया था। उस विषमता को तोड़ते हुए सावित्रीबाई फुले ने भारत की प्रथम अध्यापिका होने का गौरव प्राप्त किया। उनके अदम्य साहस से नारी उत्थान के लिए कई विद्यालयों का स्थापना किया और नारियों को पढ़ने का अधिकार प्राप्त हुआ। फुले दंपति ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार एवं समाज सेवा में व्यतीत किया। उन्होंने उनका जीवन संपूर्ण समाज के लिए अनुकरणीय बताया।
मौके पर राहुल कुमार, मंटू कुमार, विकास फुले,द्विजराज, मनोज फुले, पप्पू मालाकार, अमरनाथ माली, अरविंद कुमार एवं विनोद मालाकार सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।