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वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय में प्रथम राष्ट्रपति की मनी 138वीं जयंती

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट 

स्थानीय शहर स्थित वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय धारूपुर में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 138वीं जयंती समारोह आयोजित की गई। इस अवसर पर उनके तैलचित्र पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सिंह व अन्य कर्मियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित किया। साथ ही साथ उन्हें याद करते हुए दो मिनट का मौन रख नमन किया। महाविद्यालय शिक्षक प्रतिनिधि व वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,आरा सीनेट सदस्य सह भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ महामंत्री डॉ. मनीष रंजन ने राष्ट्रपति स्व. डॉ. राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सादा जीवन और उच्च विचार के धनी व्यक्ति थें। जिनके सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की 138वीं जयंती पर आज पूरा भारत उन्हें याद कर गर्व करता है। प्रथम राष्ट्रपति का बिहार के सीवान में 3 दिसंबर 1884 ई० को उनका जन्म हुआ था। जिनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिहार के छपरा के जिला स्कूल में हुई थी। जबकि पटना से कानून में मास्टर की डिग्री प्राप्त की। जिनकी हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली एवं फारसी विषयों की पढाई में भी अच्छी पकड़ थी। राष्ट्रपति के रूप में उनका 1962 ई० तक कार्यकाल रहा। राजेंद्र प्रसाद देश के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनका कार्यकाल एक बार से ज्यादा का रहा था। वह राष्ट्रपति के पद पर 1950-62ई० के बीच आसीन रहे। साल 1962 में राजेंद्र प्रसाद को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया। वह देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बेहद करीबी व सहयोगी थे। जो आजादी के बाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनते हुए संविधान सभा का नेतृत्व भी किया था।

 

डॉ० राजेंद्र प्रसाद को ‘नमक सत्याग्रह’ और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान जेल भी जाना पड़ा था। देश के सर्वोच्च पद पर रहने के दौरान भी वह काफी सादगी से रहा करते थे। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपने उपयोग के लिए केवल दो-तीन कमरे ही रखे थे। उनमें से एक कमरे में चटाई बिछी रहती थी जहां बैठकर वे चरखा काटा करते थे। बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास लेते हुए पटना स्थित एक आश्रम में 28 फरवरी,1963 ई० को बीमारी के कारण उन्होंने अपनी अंतिम सांस लेते हुए देश को अलविदा कह गए थे।

 

इस मौके पर प्रो०- वीर बहादुर सिंह, उमाशंकर सिंह, अखिलेश सिंह, शिव कुमार सिंह, ज्ञान प्रकाश सिन्हा,विजय कुमार सिंह, ब्रज किशोर सिंह,रोहित कुमार तिवारी, मंटू चौधरी , रवि प्रकाश, विवेक कुमार, परवेज खां, रवि कुमार, आलोक राम, चनेशर पांडेय महाविद्यालय कर्मी उपस्थित थें।

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Author: Bakwas News

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