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बिहार में RJD पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं के पदों में फेरबदल, जाने पूरी जानकारी

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह दो महीने बाद मंगलवार को कार्यालय आए। अब जिलाध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले राजद के जिलाध्यक्षों का चयन होगा। उसके तुरंत बाद प्रदेश पदाधिकारियों के नाम घोषित किए जाएंगे। इन दोनों तरह के पदधारकों की सूची तैयार ही हो रही थी कि जगदानंद नाराज होकर घर बैठ गए। हालांकि उस दौरान भी वे पार्टी के नीति निर्धारकों के संपर्क में थे। जिलाध्यक्षों के चयन के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को अधिकृत किया गया था। सूत्रों ने बताया कि सिंगापुर जाने से पहले जगदानंद से मुलाकात के समय दोनों के बीच मोटे तौर पर जिलाध्यक्षों के नाम पर सहमति बन चुकी है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी विमर्श हो चुका है। विचार का विषय यह है कि तीन साल पहले बने जिलाध्यक्षों की छंटनी का आधार क्या हो। प्रारंभिक सहमति इस पर है कि सभी जिलाध्यक्षों के कामकाज का मूल्यांकन किया जाए। बेहतर काम करने वाले जिलाध्यक्षों को एक और अवसर दिया जाए। जबकि खराब काम करने वाले जिलाध्यक्ष बदल दिए जाएं।

कामकाज के मूल्यांकन के समय विधानसभा चुनाव में संबंधित जिलाध्यक्ष की भूमिका की भी परख होगी, जिन जिलों में राजद और सहयोगी दलों की अधिक सीटों पर जीत हुई है, उन जिलाध्यक्षों का पद पर बने रहना तय है। राज्य में 38 जिले हैं। बड़े शहरों को भी सांगठनिक जिला का दर्जा दिया गया है। कुल जिलाध्यक्षों की संख्या 50 है। ये सब जगदानंद के प्रदेश अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद मनोनीत किए गए थे। इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल संभव है। अधिक संभावना इस बात की है कि प्रधान महासचिव का पद किसी नए नेता को दिया जाए। इस समय आलोक मेहता इस पद पर हैं। वे राजस्व एवं भूमि सुधार के अलावा गन्ना उद्योग विभाग के भी मंत्री हैं। सरकारी व्यस्तता के कारण संगठन को अधिक समय नहीं दे पाते हैं। जबकि अध्यक्ष के बाद यह सबसे महत्वपूर्ण पद है। प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में युवाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है। प्रदेश संसदीय बोर्ड का गठन पहले हो चुका है।
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Author: Bakwas News

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