वाराणसी। जिला प्रशासन की ढिलाई और नाविकों की कारगुजारी एक बार फिर गंगा में जानलेवा साबित हुई है। शनिवार की सुबह दक्षिण भारत के करीब 34 सैलानियों से भरी ओवरलोडेड नौका गंगा में डूब गई। हादसे की जानकारी होने के बाद पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। स्थानीय लोगों के अनुसार नौका विहार करते हुए हादसे में नाव में सवार करीब 34 लोग नदी में डूब गए। वहीं सूचना मिलने के बाद एनडीआरएफ और जल पुलिस टीम राहत और बचाव कार्य में जुट गई। पुलिस के अनुसार सभी लोगों को स्थानीय लोगों के सहयोग से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बताया गया कि इसमें से दो लोगों की हालत गंभीर होने की वजह से उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा होने के बाद चीख पुकार मचते ही लोग बचाव के लिए अपने संसाधानों के साथ मौके पर पहुंचने लगे। एक एक कर सैलानियों को बचाने का क्रम शुरू हुआ तब तक दो लोगों की हालत चिंताजनक होने की वजह से उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हादसा होते देखकर मानकों का पालन न करने वाला नाविक भी मौके से फरार हो गया। वहीं पुलिस इस मामले में अब अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई की तैयारी में है। वाराणसी में शनिवार की सुबह करीब सात बजे उस समय बड़ा हादसा हो गया जब अहिल्याबाई घाट के सामने यात्रियों से भरी नाव अचानक डूबने लगी। गंगा में नाव डूबने की जानकारी होने के बाद चीख पुकार मच गई। चीख पुकार के बाद स्थानीय नाविकों के साथ पुलिस और बचाव की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इस घटना में दो लोगों की हालात गम्भीर होने की वजह से आनन फानन उन्हें कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय नाविकों के अनुसार सभी यात्री दक्षिण भारत के रहने वाले है। वहीं इस हादसे के बाद नाविक मौके से फरार हो गया है। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेने के साथ ही सैलानियों के बारे में जानकारी ली। हादसे में दो ही हालत गंभीर होने के बाद आनन फानन उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें एक श्रद्धालु की हालत गंभीर देख मंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों ने बीएचयू रेफर कर दिया है। दूसरे मरीज का इलाज मंडलीय अस्पताल में चल रहा है।