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कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में किसानों को दिया गया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट 

कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज रोहतास के द्वारा आज प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को बिना उर्वरक एवं रसायनिक दवाओं के इस्तेमाल से खेती करने के तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान श्री आर के जलज ने किया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रक्षेत्र में प्राकृतिक खेती द्वारा धान की खेती 1 एकड़ क्षेत्रफल में की गई है। इसी को आज इस कार्यक्रम के द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा एवं इसकी उपज का आकलन किया जाएगा। जिले के 8 कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्राकृतिक खेती मॉडल विकसित किया जाएगा।

इस खेती हेतु उन्हें प्रशिक्षण केंद्र के द्वारा मुहैया कराई जाएगी। प्राकृतिक खेती करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। डॉक्टर रामाकांत सिंह मृदा वैज्ञानिक ने प्रशिक्षण के दौरान घन जीवामृत, अमृतजल और जीवामृत साथ में बीजामृत और कीटनाशक की 16 तरह दवा देसी गाय के गोमूत्र, गोबर, बेसन केला और गुड़ के सहयोग से बनाया। इन सभी सामग्रियों को क्रमबद्ध उपयोग करके प्राकृतिक खेती से सभी तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है। इस खेती के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र को 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की धान उत्पादन प्राप्त हुई। इस कार्यक्रम में प्रवीण कुमार नवीन कुमार इत्यादि उपस्थित थे।

जिले के 40 कृषकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। किसान श्री धर्मेंद्र कुमार, सयनंदन सुमन, लंलतेश्वर सिंह, बिहारी सिंह, भिखारी राय सुरेंद्र राम मुन्ना सिंह सुनील सिंह चंद्रमणि सिंह इत्यादि लोग शामिल हुए।

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Author: Bakwas News

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