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तरारी के दर्जनों गांवों में धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा

तरारी। दीपावली के दूसरे दिन बुधवार को गोवर्धन पर्व बड़े धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया गया। ग्रामीणों ने अपने घरों में पूरी आस्था के साथ गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन की आकृति बनाकर विधि-विधान से पूजा की। फतेहपुर, खुटहा, मोपती, इमादपुर समेत दर्जनों गांवों में पूजा-अर्चना की गई। जहां पर गाय का गोबर उपलब्ध नहीं था, वहां पर लोगों ने रंगोली के रंगों से भगवान की आकृति बनाकर उनकी विधि-विधान से पूजा की। भक्तों ने भगवान गोवर्धन को अन्नकूट का भोग लगाया। वहीं मंदिरों में भी भक्तों ने सामूहिक रूप से भगवान गोवर्धन की पूजा की। विधि-विधान से भगवान गोवर्धन की पूजा हुई। जबकि गांवों में समूह बनाकर लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर गोवर्धन की पूजा की।

क्यों मनाते है गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा के बारे में मान्यता है कि देवराज इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा करने की बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया। जब इंद्र को इस बात का पता चला तो उन्होंने पूरे गोकुल गांव को नष्ट करने व कृष्ण को अपनी शक्तियों का परिचय देने के लिए भारी बारिश करा दी। गांव में हाहाकार मच गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया और ग्रामीणों की रक्षा की। सात दिन तक लगातार इंद्र ने अपना कहर बरपाया, लेकिन किसी भी ग्रामीणों को क्षति नहीं पहुंची। तब से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में काफी संख्या में लोग गोवर्धन भगवान की पूजा करते है।

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Author: Bakwas News

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