चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की यात्रा कर रहे हैं। वह राजनीतिक बहस छेड़कर खबरों में बने रहने की कला जानते हैं। उन्होंने एक बार फिर ऐसा ही किया है। पीके ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर ऐसा बयान दिया कि राज्य की सारी प्रमुख पार्टियों के नेता उस पर बहस करने लगे। दरअसल, पीके ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन को छोड़ भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर सकते हैं।
बिहार के मंत्री और जदयू के सीनियर नेता मदन सहनी ने किशोर के आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अपनी ‘मन की बात’ कर रहे हैं। वहीं, महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने आरोप लगाया कि किशोर बिना सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं जो पैसा देने वाले के पक्ष में खड़े होने के लिए तैयार रहते हैं।
वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने दावा किया है कि प्रशांत किशोर HAM को ज्वॉइन करना चाहते हैं। हम लीडर दानिश रिजवान ने कहा कि पीके जीतन राम मांझी के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश के बारे में क्या टिप्पणी करते हैं, उससे महागठबंधन के सेहत पर कोई असर पड़ेगा। पीके इतना बड़ा चेहरा नहीं हैं कि हम बिहार की राजनीति में उनकी चर्चा करें।