बहुत कम लोगों को यह पता है की लोहरा ही लोहार समाज की श्रेणी में दिखाई गई है, संविधान में इस समाज का एक ऐसा तबका है जो एसटी की जगह पाते हुए रह गया इस तबके को ओबीसी की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया इस तबके के कुछ नेताओं ने जिसको पाने के लिए हक की लड़ाई छेड़ दी है।
श्री राज किशोर शर्मा ने यह लड़ाई लड़ते-लड़ते 2 अगस्त से लेकर सितंबर का पूरा महीना जोरों शोरों से भरा रहा अगस्त के महीने में दिल्ली जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर यह दिखाने की कोशिश की गई कि यह तबका अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए आज तैयार है और जगह-जगह बड़े-बड़े सम्मेलनों से यह अपने इस पिछड़े तबके को एकजुट करने में जुट गए हैं। जिसका नजारा मुजफ्फरपुर महासम्मेलन में देखने को मिला जहां पर उन्होंने बताया कि हमारी मुल्क में नेताओं ने हमेशा ही इस समाज को निम्न दृष्टि से देखती है, कभी किसी ने इस श्रेणी की अग्रणी जो आवाज होती है उसको बुलंद करने की कोई कोशिश नहीं की।
शर्मा जी ने आह्वान भी किया कि बिहार के सभी जिलों में हम इस बात को रख कर एक बार फिर जंतर-मंतर पर अपनी बात को रखने की कोशिश करेंगे और उन्होंने पूर्व राजनेताओं को भी लताड़ा जिन्होंने इस समाज को बिल्कुल वंचित कर दिया। उन्होंने यह भी बताया की हम लाभ के लिए नहीं हक की लड़ाई लड़ते हैं और उन्होंने सबको फालतू की बातों से निकलकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का आह्वान भी किया। भोजपुर निवासी श्री राजकुमार शर्मा जो आज जंतर मंतर से लेकर बिहार के हर जिलों में जाकर अपनी आवाज को बुलंद करने में लगे हुए हैं। वह अपनी लड़ाई की तरफ धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं।