कानपुर में शादी के लिए युवतियों-महिलाओं के अपहरण की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में ऐसी घटनाओं में देशभर में कानपुर तीसरे स्थान पर रहा। वहीं सबसे ज्यादा घटनाएं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दर्ज हुईं।
प्रेम विवाह के लिए नाबालिगों को बहला-फुसला कर ले जाने की घटनाएं सबसे ज्यादा संख्या में दर्ज होती हैं। इन घटनाओं के साथ ज्यादातर दुष्कर्म की धारा को भी जोड़ा जाता है। इसके बाद पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजती है और नाबालिग को मजिस्ट्रेट के सामने खड़ा कर धारा 164 के बयान दर्ज कराती है।
उस बयान को सबसे ज्यादा अहमियत दी जाती है। इसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करती है। ऐसे में ही कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनमें युवतियों और महिलाओं के अपहरण का मामला दर्ज कराया जाता है, जिसमें जबरन शादी करने की धारा जोड़ी जाती है। एनसीआरबी ने 19 मेट्रोपालिटिन शहरों में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा अलग से किया है, जिनमें कानपुर तीसरे स्थान पर है।
अगस्त 2021 में वाराणसी के धनंजयपुर गांव निवासी युवती को आरोपित जितेन्द्र उठाकर कानपुर ले आया था। युवती समृद्ध परिवार से थी। उसे शहर लाकर रखा गया मगर वहां की पुलिस ने उसे दस दिन बाद कानपुर से बरामद कर लिया था। युवक को गिरफ्तारी के दौरान पूछताछ में कबूल किया कि वह युवती से शादी करना चाहता था। उधर युवती को कोर्ट में पेश किया गया तो उसने भी बयान में खुद को बालिग बताया और युवक के साथ खुद जाने की बात कही। इस पर कोर्ट ने युवक को छोड़ दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश बाबू पाठक ने बताया कि ऐसी घटनाओं में सिर्फ पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने बयान सबसे ज्यादा मायने रखता है। युवती आरोपित के खिलाफ बयान देती है तो पुलिस उसे जेल भेजकर चार्जशीट लगाती है। अगर वह युवक के पक्ष में बयान देती है तब पुलिस उस केस में फाइनल रिपोर्ट लगाती है। दोनों ही सूरतों में पुलिस को विवेचना पूरी करनी होती है। ऐसे में कुछ ऐसी युवतियां भी होती हैं जो अपने परिवार के साथ नहीं रहना चाहतीं। उन्हें नारी निकेतन भेजने का आदेश भी कोर्ट द्वारा दिया जाता है।
शहर घटनाएं
लखनऊ 279
पटना 133
कानपुर 104
सूरत 44
गाजियाबाद 43
इंदौर 22