- तरारी अंचलाधिकारी सामंतों, भूस्वामियों के पक्ष में, स्वास्थ केन्द्रों का नही दे रही है अनापत्ति प्रमाणपत्र।
तरारी प्रखंड के विभिन्न गांवों में वर्षों से सरकारी जमीन पर बसे भूमिहीन – गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाने के खिलाफ तथा वास–जमीन के जरूरतमन्द आवेदकों के पास जमीन के लिए बड़ा आन्दोलन का आह्वान भाकपा माले के प्रतिनिधिमण्डल ने तरारी अंचलाधिकारी के वार्ता के बाद भाकपा-माले तरारी प्रखंड सचिव कॉ रमेश सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किया है।
कॉ रमेश सिंह ने कहा कि विगत मार्च 2018 में सरकारी जमीन पर बसे भूमिहीनो – गरीबों के सरकार द्वारा ढाहे गये मकान पीड़ितों को आज तक आवास जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। अंचलाधिकारी सिर्फ उपरी अधिकारी को पास भेजे जाने की बातें ही कर रही है, पर बगैर पीड़ितों के राय-मशविरा के भेजे गए अनुशंसा के तहत जमीन का खाता – खेसरा की जानकारी देने में अंचल कार्यालय असमर्थ रहा जो सरकारी कार्यालय व सरकारी अधिकारी के गरीब विरोधी चरित्र को ही दर्शाता है।
वर्ष 2019 में अंचल कार्यालय को वास–जमीन की मांग के आवेदको के आवेदन को खोज पाने में अंचल कार्यालय ने असमर्थता जाहिर किया ,जबकि आवेदन का प्राप्ति प्रति मौजूद है। सरकार का दावा गरीबों को वास जमीन देने तथा सरकारी अधिकारी का व्यवहार उनकी गरीब विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
कॉ रमेश सिंह ने कहा कि सिकरहट्टा,भदेसरा, धनगांवा में स्वीकृत स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन निर्माण की जमीन लम्बे अवधि बीतने के बावजूद भी अंचलाधिकारी जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी। जिससे निर्माण कार्य बाधित है। जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है। वही जमीन दाखिल–खारिज के लिए सरकारी शुल्क शून्य है। अंचलाधिकारी द्वारा बतलाया गया पर व्यवहारतः दाखिल–खारिज के लिए आवेदकों से मनमाना राशि कर्मचारियों द्वारा लिए जाने की बात सर्व विदित है। तरारी अंचलाधिकारी सामंतों, भूस्वामियों के पक्ष में खड़ा हो कर गरीब गुरबों को परेशान कर रही है। वहीं जनकल्याण के कार्यों को करने से पीछे भाग रही है। इनके कामकाज की शैली से तरारी की जनता बेहद परेशान है।
तरारी की जनता से एकजुट हो कर अपने अधिकारों की लड़ाई को तेज करने का आह्वान किया गया। प्रतिनिधिमंडल में तरारी प्रखंड सचिव कॉ रमेश सिंह, जिला कमिटी सदस्य सुधीर यादव और रामदयाल पंडित शमिल थे।