पिछले चौबीस घंटे धीमे बढ़ाव के बाद बुधवार रात से एक बार फिर गंगा में तीव्र बढ़ाव शुरू हो गया। नदी के बदलते रूप को देख तटवर्तीय लोग सहमे हुए हैं और एक बार फिर पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है। उधर, बढ़ते जलस्तर से अधूरे कटानरोधी बचाव कार्य पर नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है।
केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार देर रात से गंगा नदी में तीन सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव शुरू हो गया। गुरुवार शाम चार बजे बजे नदी का जल स्तर 53.850 मीटर दर्ज किया गया। नदी तेजी से चेतावनी बिन्दु 56.615 मीटर की ओर बढ़ रही है। यहां खतरा बिन्दु 57.615 मीटर है। उधर एक पखवारे से ठप सुघरछपरा के पास की 11 करोड़ से अधिक की लागत की परियोजना पर कार्यदायी संस्था बाढ़ खण्ड अब तक कार्य शुरू नहीं करा पायी है। बढ़ते जलस्तर के साथ नदी का दबाव भी यहा बढ़ता जा रहा है। इस परियोजना के तहत विभाग फिलहाल चार लेयर रिवेटमेन्ट कार्य ही कर पाया है। जबकि इसके तहत कुल नौ लेयर का कार्य होना है। यही स्थिति दूबेछपरा-टेंगरही रिंग बंधे के किमी 0.0450 पर 9 करोड़ 89 लाख 96 हजार की परियोजना की है। यहा एक अदद फार्क स्पर का निर्माण कार्य होना है। नदी में बढ़ाव के बाद यहां भी पिचिंग कार्य बाधित हो गया है। कार्य ठप होने का कारण धन का अभाव बताया जा रहा है। नदी के बढ़ते जल स्तर व अधूरे कटानरोधी बचाव कार्य से तटवर्तीय क्षेत्र के लोग दहशत में है। बनिया व सोनार टोला के पास छपाका कटान शुरू हो गया है। गुरुवार को ग्रामीण घरेलू सामानों के साथ पलायन करते दिखे।