बिक्रमगंज प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पुरोहितों ने रात 11 बजकर 26 मिनट पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन कराया। कार्यक्रम से पहले महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। कई परिवार अपने नवजात बच्चों को होलिका के समक्ष ढूंढ पूजन के लिए लेकर आए। होलिका दहन से पूर्व रंगबिरंगी आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया।होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा गया। मुख्यालय के सासाराम रोड महावीर मंदिर, तेंदुनी, धारूपर, धनगाईं, समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन हुआ। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी और मातृशक्ति मौजूद रही। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस अवसर पर नई फसल को अग्नि में भूना जाता है। लोग भूने हुए अनाज को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।