बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा अध्यापक नियमावली 2003 के विरोध में जिला मुख्यालय अरवल में विगत 22 मई से जिले के माध्यमिक शिक्षकों द्वारा दिए जा रहे विशाल धरना के चौथे दिन भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित होकर कहा कि सरकार द्वारा आनन-फानन में लाए गए शिक्षकों के विरुद्ध काले कानून का घोर विरोध किया l
अरवल जिला के युवा शिक्षक नेता राजीव रंजन उर्फ अनय सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विशाल धरना कार्यक्रम में जहानाबाद के प्रमुख शिक्षाविद एवं हाल ही में संपन्न हुए मगध शिक्षक निर्वाचन का एमएलसी प्रत्याशी रहे डॉ अभिराम सिंह मुख्य अतिथि के रूप में घंटो उपस्थित होकर शिक्षकों के इस आंदोलन को धार देने का काम किया l
अपने संबोधन में डॉक्टर सिंह ने शिक्षकों से आह्वान किया कि यह लड़ाई सिर्फ शिक्षकों की लड़ाई नहीं है बल्कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए एक आंदोलन है l जब शिक्षकों की अस्मिता ही नहीं बचेगी तो शिक्षक कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकेंगे? डॉ सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर विधान सभा में बैठे हुए हमारे प्रतिनिधि बिना अनुभव के शिक्षक नियमावली कैसे तैयार कर सकते हैं? डॉ सिंह ने कहा कि वे भी एक शिक्षक हैं और अपने चुनाव प्रचार के दौरान वे बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नजदीक से समझा है l समाज में शिक्षकों के प्रति फैलाई गई भ्रान्तियां तथ्यहीन हैं l एक से बढ़कर एक प्रतिभावान शिक्षक हैं l
उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए डॉ सिंह ने सरकार से मांग की कि यह सिर्फ शिक्षकों की लड़ाई नहीं है बल्कि यह आम जन मानस से जुड़ा हुआ मुद्दा है l बिहार की शिक्षा को बचाने के लिए, शिक्षक की अस्मिता बचाने की नितांत अवश्यकता है l उन्होंने आगे कहा कि आज शिक्षक सड़क पर हैंl सरकार को इनकी मांग को बिना किसी शर्त मांगनी पड़ेगी l साथ ही साथ उन्होंने सातवे चरण की बहाली के लिए संघर्षरत नए शिक्षक अभ्यर्थियों को भी बहाल कर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का सरकार से आह्वान किया l
सभास्थल पर जिले के पदेन अध्यक्ष अंबुज शर्मा, अनुमंडल अध्यक्ष मोहम्मद राहतुल्ला, अनुमंडल सचिव कौशल कुमार, डॉ मनोज कुमार, महेंद्र कुमार निराला, महिला शिक्षिका मेन का चौहान,कविता कुमारी, कादरी जी, मुकेश कुमार इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक़्त किये l