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गया के समाहरणालय सभाकक्ष में जल समस्या एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर समीक्षा बैठक, मंत्री – विधायक समेत कई जनप्रतिनिधि बैठक में हुए शामिल

गया। ब्यूरो

प्रभारी मंत्री सह अध्यक्ष जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति सह मंत्री सूचना प्रौद्योगिकी विभाग बिहार की अध्यक्षता में जल समस्या एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। बैठक में जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने प्रभारी मंत्री गया जिला, पूर्व मुख्यमंत्री सह इमामगंज विधायक जीतन राम मांझी, मंत्री कृषि विभाग, मंत्री सहकारिता विभाग, पूर्व मंत्री सह नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार, गुरुआ विधायक, शेरघाटी विधायक, बाराचट्टी विधायक तथा सभी एमएलसी तथा उपस्थित सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि गया जिले में भूगर्भ जलस्तर 2019 के मुकाबले 2023 में स्थिति काफी हद तक ठीक है।

 

पेयजल की समस्या जिस क्षेत्र से शिकायतें प्राप्त होती हैं उसे अविलंब ठीक कराया जाता है। हर घर नल का जल ग्रामीण क्षेत्र के समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा कुल 2602 वार्डों में नल जल योजना का कार्य किया है जिसमें से 58 वार्ड में योजना अक्रियाशील है तथा पीएचडी द्वारा 1970 वार्ड में से 50 वार्ड में योजना अक्रियाशील है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1626 वैसे टोले चिन्हित किए गए हैं जहां नल जल योजना अच्छादित नहीं है। पीएचडी विभाग से समन्वय करते हुए छोटे हुए टोलो में पेजल सुचारू रखने के लिए विभाग को प्राक्कलन तैयार कर भेजी गई है जल्द ही उन टोलो में नल जल योजना का कार्य प्रारंभ की जाएगी।

 

जिलाधिकारी ने बताया कि 30 अप्रैल 2019 में गया जिला का औसतन भूगर्भ जल स्तर 43.14 फ़ीट था, जबकि वर्ष 2023 में 33.75 फ़ीट औसतन जलस्तर है। चापाकल मरम्मत के समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के सभी विधायक तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में खराब सार्वजनिक चापाकल की सूची मांगी गई थी इसके साथ ही जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से टोला बार सर्वेक्षण कराया गया जिसमें लगभग 8500 चापाकल खराब पाए गए, 14 मार्च 2023 से चापाकल मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया गया आज के समय में 62 टीम लगाकर कुल 5719 चापाकल की मरम्मत पूर्ण कर ली गई है।

 

नियंत्रण कक्ष के माध्यम से चापाकल मरम्मत से संबंधित प्रतिदिन निगरानी की जा रही है क्रॉस वेरीफाई भी कराया जा रहा है उन्होंने बताया कि इस माह के अंत तक शत-प्रतिशत चापाकल को चालू करवा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में 7036 चापाकल मरम्मत कराए गए थे तथा 2021 में 3570 चापाकल मरम्मत कराए गए थे। चापाकल मरम्मत के दौरान मुख्य समस्या राइजिंग पाइप बदलने से संबंधित आ रहे हैं पीएचडी विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए 694 स्थानों पर राइजिंग पाइप डाले गए हैं तथा अतिरिक्त विभाग से राइजिंग पाइप की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि गया जिले में एक अनोखी पहल करते हुए मुखिया तथा एएनएम के संयुक्त फंड के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों हाट बाजार बस स्टैंड सब्जी मंडी इत्यादि प्रमुख चौराहों पर लोगों को शुद्ध शीतल पेयजल मिले इसके लिए प्याऊ लगवाया गया है। जिस प्रकार सभी प्रखंडों में कुल मिलाकर 501 स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है।

 

इसके साथ ही जिले के नगर निकायों यथा नगर निगम अंतर्गत 140 स्थानों पर, नगर परिषद टिकारी क्षेत्र में 18 स्थानों पर, नगर परिषद बोधगया में 20 स्थानों पर तथा नगर परिषद शेरघाटी में 4 स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है। हर घर गंगा जल योजना के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने बताया कि 83000 हाउसहोल्ड के विरुद्ध 53000 हाउसहोल्ड में आज की तिथि में गंगा पानी मुहैया कराया जा रहा है। गयाजी डैम के समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि गयाजी डैम में कुछ अतिरिक्त कार्य किए जा रहे हैं जिसके कारण जमा पानी को निकाला गया है। सीता पथ का निर्माण युद्धस्तर पर कराया जा रहा है। देवघाट साइड में अतिरिक्त सीढ़ियां का भी निर्माण कराया जा रहा है। गया जी डैम में 15 जून तक सभी कार्यों को पूर्ण करा लिया जाएगा ताकि इस पितृपक्ष मेला तथा बरसात के पहले पानी को संरक्षित किया जा सके। इसके पश्चात गया जिला वासियों को सालों भर पानी गयाजी डैम में देखने को मिलेगा।

 

 जल जीवन हरियाली तथा सुखाड़ से बचाओ के तहत गया जिले में मनरेगा द्वारा बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है इस वित्तीय वर्ष में कुल 75 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है, 1246 आहार का जीर्णोद्धार किया गया है तथा 1398 पाइन का जीर्णोद्धार किया गया है। सार्वजनिक चापाकल के किनारे अब तक 550 सोख्ता का निर्माण भी कराया गया है। 32 चेक डैम का निर्माण कराया गया है। 72 ने जल स्रोतों का सृजन किया जा रहा है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल छाजन विभाग लघु सिंचाई तथा मनरेगा द्वारा क्षेत्र के चौड़ाई के हिसाब से योजना लेते हुए युद्ध स्तर पर जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गया जिला लगभग पूरी तरह से पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पेयजल समस्या अत्यधिक मिलती है विशेषकर बांके बाजार, डुमरिया, वजीरगंज के क्षेत्र में पहाड़ के पानी को बर्बाद ना हो, पहाड़ के पानी को संरक्षित करने के लिए गारलेंनट्रेंच बनाया जा रहा है, ताकि उस क्षेत्र के लोगों को खेती के साथ-साथ भूगर्भ जल स्तर भी पर्याप्त मिल सके। इसके साथ ही टपकन सिंचाई हेतु मुखिया जी तथा कृषि विभाग के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है ताकि कम पानी में अत्यधिक फसल हो सके।

 

 

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