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यूनिसेफ की टीम ने किया आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा, रिपोर्टिंग प्रणाली की ली जानकारी

गया। ब्यूरो

गया जिले में स्वास्थ्य विभाग तथा आइसीडीएस द्वारा हो रहे स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यों में यूनिसेफ का सहयोग मिल रहा है. पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं की रिपोर्टिंग किस प्रकार हो रही है इसे जानने समझने के लिए यूनिसेफ टीम द्वारा जिला के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण किया गया. इस भ्रमण के बाद यूनिसेफ टीम ने जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन से मुलाकात कर उन्हें आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायी. बृहस्पतिवार को यूनिसेफ के वरीय अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी डॉ एसएम त्यागराजन से मुलाकात कर रिपोर्टिंग व्यवस्था अद्यतन जानकारी दी. प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से मार्क हेवर्ड, मुख्य डेटा अधिकारी- केयरन ओटूली, योजना प्रमुख, माईक बिजकर चीफ ऑफ एविडेंस, प्रीति दास, यूनिसेफ सीएफओ बिहार फील्ड ऑफिस नफीसा बिंते शफीक सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डेटा प्रबंधन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ दौरा

यूनिसेफ की टीम ने सबसे पहले पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से डेटा प्रबंधन के साथ पोषण संबंधी सेवा वितरण का अवलोकन करने के लिए बोधगया प्रखंड के तुरी खुर्द और शेखवारा स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण किया. वहां ऐप के कामकाज के साथ वीएचएसएनडी साइट पर स्वास्थ्य कार्यक्रम सेवा वितरण को जांचा—परखा। इस दौरान अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एलएस, आशा और एएनएम से उनकी जिम्मेदारियों और सेवा प्रावधान के दौरान उनके सामने आने वाली तकनीकी या फील्ड स्तर की चुनौतियों के बारे में बातचीत की। स्वास्थ्य सेवाओं में रिपोर्टिंग प्रणाली के प्रबंधन को लेकर सिविल सर्जन के साथ भी बैठक हुई जहां एचएमआईएस के माध्यम से डेटा प्रवाह पर चर्चा के साथ रिपोर्टिंग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गयी।

स्वास्थ्य असमानता की खाई दूर करने का प्रयास

वहीं शुक्रवार को यूनिसेफ के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस.एम के साथ बैठक की। बैठक में डीपीओ-आईसीडीएस, सिविल सर्जन डॉ. रंजन कुमार सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल हुए। डॉ उदय मिश्रा, जिला स्वास्थ्य सलाहकार यूनिसेफ श्री संजय भी मौजूद थे। टीम ने एडब्ल्यूसी और वीएचएसएनडी साइट पर किए गए प्रभावशाली कार्य पर चर्चा की और निष्कर्ष निकाला कि स्वास्थ्य और आईसीडीएस के ऐसे सहयोगी प्रयास स्वास्थ्य असमानता की खाई को दूर करेंगे और समुदाय को अधिक स्थायी भविष्य की ओर ले जाएंगे।

डीएम के श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट की हुई सराहना

प्रतिनिधिमंडल ने श्रवण श्रुति ऐप के माध्यम से बच्चों में कम सुनने की समस्या के समाधान के लिए डॉ. त्यागराजन की बहुत सराहनीय पहल पर भी चर्चा की। इस सफल मॉडल को बिहार के 09 अन्य जिलों में और बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा सम्मानित किए जाने के लिए बधाई दी, जो माध्यम वर्ग वाले समुदाय, जो अपने बच्चे को ट्रीटमेंट करवाने में सक्षम नही है, उनके बच्चे को श्रवण श्रुति के तहत पूरी इलाज निशुल्क करवा रही है। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे को संबोधित करने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य और आईसीडीएस के अधिकारियों ने श्रवण श्रुति परियोजना के माध्यम से सेवा प्रावधान पर चर्चा की। इस चर्चा में बताया गया कि श्रवण श्रुति शिविर के माध्यम से अब तक 41000 बच्चों की जांच की जा चुकी है। इसमें से 14 बच्चों की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की गई, 12 बच्चों की सर्जरी के लिए प्री-ऑपरेटिव औपचारिकताएं पूरी की गईं और 8 बच्चों की प्री-ऑपरेटिव प्रक्रिया के लिए स्क्रीनिंग और लाइन अप किया गया।

डीएम ने युनिसेफ के सहयोगी की सराहना की

ज़िला पदाधिकारी ने जिले में विभिन्न स्वास्थ्य और पोषण संबंधी कार्यक्रमों को चलाने के लिए यूनिसेफ से तकनीकी सहायता की भी सराहना की। उन्होंने बैठक में सदस्यों से अधिक सहयोगी और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया जो स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम आदमी के लिए अधिक दूरगामी और लाभकारी बनाने में मदद करता है। इसके पश्चात वन्डर प्रोग्राम और एनीमिया रोकथाम के लिए प्रारंभ किए गए पायलट प्रोजेक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दिया।

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