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सफाई कर्मचारी नहीं बढ़ने से गांव में फैला कचरा

बलिया। जिले 2320 सफाईकर्मियों पर 2289 राजस्व गांवों के सफाई की जिम्मेदारी दी गयी है। ऐसे में गांवों को स्वच्छ बनाने की सरकार की मंशा कैसे पूरा हो सकेगी। एक तो मानक से कम सफाईकर्मी हैं। इसमें करीब 30 विभिन्न विभागों तथा अधिकारियों के यहां सम्बद्ध हैं तथा 13 कार्य में लापरवाही करने के आरोप में निलम्बित हैं। यानि 2277 सफाईकर्मियों के भरोसे जिले के 2289 राजस्व गांवों की सफाई है। बावजूद गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने का दावा जिला पंचायत राज विभाग द्वारा  किया जा रहा है। गांव के स्कूलों के पास झाड़ झंखाड़ व गांव की गली-नाली की सफाई भी बदहाल दिखी, जो विभागीय दावों की सच्चाई बयां कर रहे थे।

बताया जाता है कि गांवों की साफ-सफाई नियमित व सुचारू रूप से होता रहे। इसके लिए वर्ष 2009-10 में जिले के  2403 राजस्व गांवों में एक-एक सफाईकर्मी की नियुक्ति की गयी। लेकिन बीते एक दशक में कहने को तो राजस्व गांव कम हुए लेकिन जनसंख्या 32 लाख 39 हजार 774 से बढ़कर करीब 36 लाख 40 हजार पहुंच गयी है। बावजूद सफाईकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाया जा सका है। उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने स्वच्छता मिशन दो अक्तूबर 2014 को गांधी जयंती पर इस उद्देश्य से शुरू किया था कि पांच  साल बाद दो अक्तूबर 2019 को महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप देश के गांवों को स्वच्छ बनाकर श्रद्धांजलि दिया जायेगा। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से यह अभियान गांवों में परवान नहीं चढ़ सका है। अब बीते 15 सितम्बर से स्वच्छता मिशन फेज-2 शुरू हो गया है। लेकिन गांवों में लगे कूड़े के ढेर सफाई व्यवस्था की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।

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Author: Bakwas News

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