वाराणसी। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 व उत्तर प्रदेश समन सेवा अधिनियम 1944 के तहत कार्यवाही के लिए मानक संचालक की प्रक्रिया (एसओपी)के तहत प्रदत्त अधिकारों की अधीनिस्थो को जानकारी दी!बैठक मे पुलिस कमिश्नर ने फायर सेफ्टी विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए शनिवार को फिर से बुलाई गई है।
कमिश्नर ने बताया की एसओपी मे सभी एसपी व इससे सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारियो को इस अधिनियम के अन्तर्गत शक्तियां प्रदान कर दी गई है। इसमें करवाई का निर्धारण कर दिया गया है। इन मामलो मे पुलिस कमिश्नर की स्वीकृति के बाद ही विधिक करवाई होंगी। उन्होंने बताया की चीफ फायर अफसर की रिपोर्ट और पुलिस कमिश्नर के अनुमोदन के बाद ही एनओसी के उल्लाघन पर करवाई होंगी।
फायर सेफ्टी आडिट को पुरी पारदर्शिता एवं सुचिता के साथ करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने आदेश दिया है। उन्होंने कहाँ की किसी भी बिल्डर, होटलियर, स्कूल, हॉस्पिटल, संचालक को किसी भी प्रकार की असुविधा होती है तो सीधे पुलिस कमिश्नर को ईमेल भेज सकेगे उनकी सूचना गोपनीय रखी जाएगी!इसके साथ ही फायर विभाग मे अपना कार्यकाल पुरा कर चुके कर्मियों की रिपोर्ट माँगी है।