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कृषि वैज्ञानिक के देख रेख में प्रभेद खुशी धान की हुई रोपनी,

रोहतास जिला के काराकाट प्रखंड अंतर्गत मोथा निवासी प्रगतिशील किसान लाल बाबू सिंह के दो एकड़ खेत में खुशी प्रभेद के धान की रोपनी चार जुलाई को कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज के वैज्ञानिकों के देखरेख में की गई। धान की रोपाई के कृषि विभाग अंतर्गत सीसा प्रोजेक्ट के अधिकारी रंजन कुमार सिंह भी उपस्थित थे। सीसा प्रोजेक्ट से आए सिंहश्री ने बताया कि प्रगतिशील किसान लालाबाबू सिंह धान व गेहूं उत्पादन में जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में अपना पहचान बना चुके है। इस रोपनी के पहले भी धान की सीधी बुआई कर चुके है। कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास (बिक्रमगंज) हो या सीसा प्रोजेक्ट इनकी कृषि दक्षता को देखते हुए, लगभग प्रत्येक साल गेहूं व धान की नई प्रभेद की बुआई करती है। किसान लाल बाबू को बेहतर खेती के साथ अच्छे उत्पादन के लिए महेंद्रा अवॉर्ड सहित दर्जन भर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। सीसा प्रोजेक्ट से धान की रोपनी कराने आए, रंजन कुमार सिंह बताते है कि इस खुशी प्रभेद धान की उपज प्रति बीघा 15 क्विंटल है, यह 120 दिन में तैयार हो जाता है। इसका चावल कतरनी जैसा व खाने में स्वाद भी लाजवाब है। किसान लाल बाबू सिंह कहते है, मैं कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास (बिक्रमगंज) के वैज्ञानिकों व सीसा प्रॉजेक्ट के वैज्ञानिकों का आभार प्रगट करता हूं कि मुझे नई – नई प्रभेद के धान व गेहूं उत्पादन के लिए चयन करते हैं। और मैं उनके उम्मीद पर खरा भी उतरता हूं। मेरे कृषि फार्म पर विदेश से भी महिला किसान पिछले साल रिसर्च करने आई थी

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