अनाथों के जीवन से निराशा के बादल हटाने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए संकल्पित बिक्रमगंज क्षेत्र के चर्चित शिक्षाविद और समाजसेवी अखिलेश कुमार ने एक और अनाथ बालक अंकित कुमार को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। अंकित कुमार, पिता-बैजनाथ सिंह माता-आरती देवी, ग्राम गोविंदडीह, पीरो के पिता बस कंडक्टर थे। वर्ष 2015 में बस बिक्रमगंज से पीरो आ रही थी।बैजनाथ सिंह बस की छत पर यात्रियों से भाड़ा वसूल रहे थे।अचानक संतुलन बिगड़ा और वे बस की छत से गिर गए। पीरो अस्पताल में चिंताजनक हालत में लाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक की पत्नी भी एक माह बाद मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई। अंकित को सहारा देनेवाला अब कोई नहीं रहा। वर्तमान में उसके वृद्ध दादा सुरेश सिंह उसकी परवरिश कर रहे थे।बालक की जानकारी जब द डिवाइन पब्लिक स्कूल के सह निदेशक अखिलेश कुमार को हुई तो उन्होंने अंकित के परिवारवालों के समक्ष अपनी ओर से अंकित की निःशुल्क शिक्षा का प्रस्ताव रखा। परिवार ने हामी भरी। इसके बाद अंकित का नामांकन द डिवाइन पब्लिक स्कूल में कक्षा पांचवी में किया गया। विद्यालय के छात्रावास में रह कर कक्षा दसवीं तक वह अपनी पढ़ाई करेगा। उसकी शिक्षा, भोजन और आवास की पूरी जिम्मेदारी द डिवाइन स्कूल प्रबंधन की होगी। इस संबंध में बातचीत के क्रम में अखिलेश कुमार ने बताया कि अनाथों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए उनको शिक्षित करने के जिस महान अभियान की मैं शुरुआत किया था। वह विगत 14 वर्षों से अनवरत रूप से जारी है। अब तक 50 से अधिक बच्चे विद्यालय में अपनी शिक्षा पूरी कर चुके हैं या अभी पढ़ रहे हैं।समाज के सहयोग और मुझ पर जताया गया विश्वास मुझे आत्मबल देता है कि मैं पूरे समर्पण के साथ अनाथों के जीवन में खुशियां बिखेरते हुए उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ता रहूं।