बिहार कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा तानाशाह पूर्ण, अनावश्यक एवं असंवैधानिक आदेश निकालकर कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मियों को जबरदस्ती रिटायर कराया जा रहा है। केंद्र के वैज्ञानिकों को तानाशाही तरीके से बिना सूचित किये नियम विरुद्ध सभी प्रोमोशन को रोकने का आदेश जारी किया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का यह रवैया कृषि विज्ञान केंद्र के गतिविधियों को बुरी तरीके से प्रभावित कर रहा है। इस तरीके के विश्वविद्यालय के असंवैधानिक फैसलों के कारण केंद्र के कर्मियों में घोर निराशा छाई हुई है। कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार, गया, लखीसराय इत्यादि के वैज्ञानिकों को जबरदस्ती सेवानिवृत कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी 20 कृषि विज्ञान केदो के वैज्ञानिकों का प्रमोशन रोककर रिकवरी का असंवैधानिक आदेश जारी किया गया है। जबकि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची झारखंड के द्वारा सभी वैज्ञानिकों को ससमय सभी वित्तीय लाभों समेत सारे प्रमोशन दिए जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा लगातार नकारात्मक कार्य किया जा रहा है, जिससे कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधियां एवं कर्मियों का मनोबल को भारी नुकसान एवं चोट पहुंच रहा है। ऐसी स्थिति में कृषि विज्ञान केंद्र जिले के किसानों के लिए अपनी पूरी ऊर्जा के साथ कार्य नहीं कर पाएंगे।