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झुलसा रोग से धान के पौधों को बचाने के लिए टेबूकोनाजोल व ट्राईफाक्सीस्ट्रोविन का करें छिड़काव-डॉ. पंकज कुमार तिवारी

आमस (गया) धर्मेन्द्र कुमार सिंह

लगातार बारिश होने से झुलसा (शीथ ब्लाइट) नामक रोग से गया जिले में धान के पौधे सुखने लगे हैं। इसे लेकर कई प्रखंडों के किसान बेहद चिंतित हैं। इससे किसानों को धान की उपज प्रभावित होने का आशंका है। आमस कृषि विज्ञान केन्द्र के पादप रोग के वैज्ञानिक डॉ. पंकज तिवारी ने बताया कि इसका प्रभाव आमस के अलावा बांकेबाजार, इमामगंज, गुरुआ, शेरघाटी आदि ब्लॉकों में भी है। कहा बांकेबाजार के उपेन्द्र वर्मा, खेरूद्दीन अंसारी, धनंजय प्रसाद आदि किसानों ने धान के फसल में शीथ ब्लाइट (पूर्ण झुलसा) रोग लगने की बात बताई है।

 

श्री तिवारी ने बताया कि किसानों की शिकायत पर खूद उनके खेतों में पहुंच इसकी जांच की। जांच में उनकी शिकायत सही निकला। कहा यह रोग तने से शुरू होकर पत्तियों में फैल जाती है। पत्तियों पर भूरा धब्बा दिखाई पड़ने लगते हैं। कुछ ही दिनों में पौधे सूख कर गिरने लगते हैं। कहा इस रोग से धान के पौधों को बचाने के लिए प्रोपिकोनाजोल 13.9 और डाईफेनोकोनाजोल 13.9 ई.सी. मिश्रण कर 5 सौ मिली प्रति हेक्टेयर या टेबूकोनाजोल 50 व ट्राईफाक्सीस्ट्रोविन 25 डब्लू. जी. मिलाकर 2 सौ ग्राम प्रति हेक्टेयर में किसान छिड़काव कर सकते हैं। बता दें कि कई सालों बाद इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से शत प्रतिशत धान की रोपनी हुई है। समय-समय पर बारिश होते रहने से पौधे भी खूब अच्छे हैं। अच्छी उपज होने को लेकर किसानों में खुशी थी। लेकिन झुलसा रोग ने उनकी खुशी में खलल डाल दी है। जिस वजह वे परेशान हैं।

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