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मनरेगा के कामों में मनमानी का लगा आरोप

करपी,अरवल । प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में इन दिनों मनरेगा का कार्य अपने पूरे शबाब पर है,किंतु कई जगहों पर कार्य की गुणवत्ता संदेह के घेरे में है। अधिकारियों के पास इस संबंध में रोज कई शिकायते मिलती है,किंतु करवाई नही होने के कारण अभिकर्ता भी मजे मजे में होते है। मिट्टी कटाई एवं पिंड भराई के कार्यों में भी भारी फर्जीवाड़ा देखने को मिलता है।वहीं फेवर ब्लॉक के कार्यों में भी काफी लूट खसोट मचा हुआ है।जानकारी के अनुसार बनाए गए प्राकलन के अनुसार फेवर ब्लॉक लगाने के पहले जमीन को अच्छी तरह समतल कर बालू बिछाने के पश्चात ही फेवर ब्लॉक बिछाने है। उसके पश्चात बिछाए गाय फेवर ब्लॉक पर बालू डालना होता है। ताकि फेवर ब्लॉक पूरी तरह से कस जाए। फेवर ब्लॉक के दोनो किनारे को सिमेंटेड इंट्रलौकिंग का कार्य किया जाना होता है। लेकिन ऐसा नही किया जाता है।

 

जिसके कारण फेवर ब्लॉक लगाने के दो चार दिन बाद ही अधिकांश स्थानों पर लगाए गए फेवर ब्लॉक उखड़ने लगे है। सबसे आश्चर्य जनक बात है की ऐसे कार्यों को अभियंता द्वारा एंबी कैसे बुक कर दिया जाता है। एक पेटी कांट्रेक्टर ने बताया की क्षेत्र में चल रहे विकास योजनाओं के स्थल पर गए बगैर अभियंता के द्वारा स्टिमिट भी बना दिया जाता है और एंबी भी बुक कर दिया जाता है।

 

 

अभियंता के खास आदमी स्टिमिट एवम एंबी बुक करने के लिय नापी कर लाया जाता है और कार्य पूर्ण हो जाता है।क्योंकि पेटी कांट्रेक्टर भी स्थानीय होते है इसलीय ग्रामीण भी चुप रहने में ही भलाई समझते है। लेकिन ऐसे कार्य यदि एक साल भी स्थल भी दिखते रहे तो काफी है।विभागीय घालमेल के कारण इन कार्यों में कटौती की जाती है जिससे कार्य होने के दौरान ही ऐसे सड़के क्षतिग्रस्त हो जाती है।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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