अरवल । श्रमिक किसान किसान मोर्चा में ट्रेक्टर मार्च के साथ तिरंगा मार्च निकाला गया। मार्च को संबोधित करते हुए अरवल विधायक कॉम महानंद सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को किसान सभा के श्रमिक किसान मोर्चा के जरिए पूरे देश में मार्च निकाला गया। जो तीन कृषि कानून लाया गया था वो वापस कर दिए गए लेकिन सरकार को मनसा रही है अभी भी वापस नहीं करना चाहती है अभी भी सरकार लटका के रखी है आज के दिन हम लोग उसे आंदोलन को याद करते हैं। स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट तीन कृषि कानून भले ही शिथिल कर दिया है । जैसा कि सरकार का मंशा है।इसका मतलब है कि संविधान पर चोट करना।
राम मंदिर का उद्घाटन हुआ उसी दिन आगाज किया गया जिस दिन संविधान राष्ट्रपति के पास पेश किया गया था।प्रधानमंत्री के द्वारा की राम एक विधान है एक नीति है राम एक विधान एवं नीति का मतलब मनुस्मृति है। मोदी जी के आर्थिक सलाहकार ने कहा कि हमारे यहां जो संविधान है वह विदेशी है, गुलामी का प्रतीक है। इसलिए देश का संविधान होनी चाहिए।
आरएसएस वाले भी संविधान को नहीं बीजेपी वाले ने मनुस्मृति को स्थापित करने में लग गए हैं। आज तिरंगा मार्च निकाले हैं तो यह संकल्प मार्च के साथ निकाले हैं कि हमको संविधान के ऊपर खतरा बढ़ेगा तो हमें संविधान भी बचाना है। संविधान की प्रस्तावना को हम लोगो को पढ़ना चाहिए और अमल करने की जरूरत है।
साथियों ये जनवरी के महीना महत्वपूर्ण महीना रहा है। इस बार भी आप देखेंगे तो और भी महत्वपूर्ण हो गया है। जो राम मंदिर का उद्घाटन हुआ उद्घाटन में आरएसएस वाले लोग गांव गांव अक्षत और चंदन बांट रहे थे,पर्चा बांट रहे थे।जिस तरह से पूरे देश में दिवाली मनाया गया सरकारी आकोजन की तरह मनाया गया। ये जानबूझकर मनाया गया कि 26 जनवरी को छोटा कर दिया जाए।
जिस तरह ये बात कही गई की राम एक नीति एक विधान है।तो राम एक नीति और विधान कहने के मतलब क्या। विधान का मतलब है राम के नीतियों का लागू करना तो राम का विचार तो बहुत ही अच्छा था,वे शासन काल में एक गरीब के बात को भी सुना करते थे,और अमल करते थे। उसे समय राजशाही था अब राजशाही नहीं है अब लोकतंत्र है और लोकतंत्र में जनता की बात सुननी होगी।उसी संविधान के दायरे में चलना होगा और कार्य भार को कानून के तहत आगे बड़ाना होगा। ये संविधान के गरिमा और कानून है।
भाजपा को मनमानी करने का आरोप लगाते रहा है वह गलत नहीं है। गौ हत्या, मॉब लिंचिंग, हिंदू मुस्लिम करने का मामला है यह सब कानून इजाजत नहीं देता है। तब बीजेपी वालों को लगा कि हम ऐसे कानून बनाएं ताकि जो चाहे वह कर सके और कोई विरोध नहीं करे। इसीलिए संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह संविधान है तब ही बिल्किस बानो को हथियारों को सुप्रीम कोर्ट ने वापस जेल भेजा। आप समझ सकते हैं कि यह सरकार जो केंद्र में है, उनके मनसा स्पष्ट है, कि भाई आप जो गलती करेंगे उसकी सजा नहीं दी जाएगी।
आपने देखा कि राम मंदिर के सवाल पर उनकी कोई सजा नहीं किसी को जो मस्जिद कहा गया था और गलत था। रामलाल का फुल गाना पर मन नहीं था,यह सब कहते हुए कोर्ट में फैसला सुनाया की आपस में मंदिर मस्जिद के लिए लड़ रहे हैं। उसे पट्टा छेप किया जाय। इस मार्च को भाकपा माले जिला सचिव कॉमरेड जितेंद्र यादव, राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड रविंद्र यादव ने संबोधित किया।