अरवल । मिचौंग तूफान का असर खेती किसानी पर दिखने लगा है। दिसंबर में औसत से अधिक तापमान किसानों की चिंता बढ़ा दी थी।तापमान में गिरावट नहीं होने से किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। खेती लगातार पिछड़ती जा रही है। तापमान में गिरावट नहीं होने से बीज के अंकुरण में समस्या होने का डर किसानों को चिंतित कर रहा था।
हालांकि मंगलवार से ठंड में हल्का बढ़ोतरी हुआ और कुछ में हल्की बूंदाबांदी भी हुई।किसानों का कहना है कि सबसे अधिक समस्या खेतों में नमी को लेकर है।धान की रोपनी बिलंभ से की गई थी जिससे धान कटनी बाकी है। इससे भी गेहूं की बुआई करने में विलंब हो रहा है। विलंब से बुआई होने का असर उत्पादकता पर असर पड़ सकता है। प्रति कट्ठा चार से पांच किलो गेहूं की उपज कम होने की संभावना है।