औरंगाबाद। हसपुरा प्रखंड मुख्यालय स्थित गौतमबुद्ध नगर भवन के सभागार में ‘ आजादी के 75 साल: ख़तरे में संविधान और लोकतंत्र विषय पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता मानवाधिकार कार्यकर्ता गालिब ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार शंभू शरण सत्यार्थी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आगत अतिथियों के स्वागत से किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता प्रो. रामपुनियानी और वक्ता डॉ. कुमार परवेज को अंग वस्त्र व बुद्ध की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया।
सेमिनार का विषय प्रवेश करते हुए डॉ कुमार परवेज़ ने कहा कि जिसने आजादी के पहले से ही देश में हिन्दू और मुस्लिम के बीच नफ़रत पैदा करते आ रहे हैं।आज भी उसी तरह की नफ़रत पैदा कर सिर्फ सत्ता में बने रहना चाह रहे हैं। उनकी ही सरकार में संसद में असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करना चाहते हैं।जो संविधान और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरा है।
सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो. रामपुनियानी ने कहा कि जब आज़ादी मिली थी,तब लोकतंत्र को सुदृढ़ रखने के लिए संविधान बना था। जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी, सामाजिक समानता की बातें उद्धृत है। आजादी के पचहत्तर साल बाद सिर्फ सत्ता के लिए हिन्दू और मुस्लिम में नफ़रत फैलाई जा रही है। अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं।जिस मीडिया को जनता के पक्ष में होना चाहिए,वह मीडिया सरकार का चारण बन चुका है।आज हमारा वही देश है, जहां का प्रधानमंत्री पांच देशों से घूम कर आ गये।आए दिन अन्य राज्यों में चुनावी दौरे में जा रहे हैं,पर पांच महीने से जल रहे मणिपुर जाने का अवसर नहीं मिल रहा है।आज हम उस दौर से गुजर रहे हैं, जो काफी भयावह है। जागरुकता से ही देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई थी,उसी प्रकार से आज की सरकार मुसलमानों के विरुद्ध नफ़रत पैदा कर सिर्फ राजसत्ता पर काबिज रहना चाहती है।
इस अवसर पर पूर्व प्रखंड प्रमुख आरिफ रिजवी, रघुवंश सिंह, अधिवक्ता रामनिवास सिंह, साहित्यकार प्रो अलखदेव प्रसाद’अचल’ कमलेश शर्मा, अनिल अंशुमन,प्रमोद यादव, एखलाक खां, नागेश्वर यादव,चन्द्रशेखर यादव, दिलीप कुमार,शाहनवाज खां,चन्द्रेश पटेल, कामाख्या नारायण सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डा राजेश कुमार विचारक, शशि कुमार, शमशेर आलम,शाहवाज मिन्हाज,जय प्रकाश कुमार, सन्नाउल्लाह रिजवी,जे पी कुमार,अमित कुमार की भूमिका सराहनीय रही।