सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के अगुवा बने हुए हैं। सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक चुनाव होने दीजिए। इसके बाद तय होगा कि विपक्षी एकता को लेकर बैठक कहां होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हमारी सभी लोगों से बातचीत हुई है, कुछ अन्य लोगों से बातचीत अभी बाकी है। बहुत लोगों की राय है कि पटना में बैठक हो। ये अच्छी बात है। बातचीत कर सबकुछ तय किया जाएगा। अभी लोग चुनाव में व्यस्त हैं। चुनाव के बाद इसपर बात किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक कार्यक्रम के बाद ये बातें कहीं। ऐसे में चर्चा तेज है कि देशभर के विपक्षी नेताओं की बैठक बिहार के पटना में हो सकती है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दिल्ली के बजाय पटना में बैठक करने की सलाह दी है।
बता दें कि नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता का बिगुल फूंका है। इस सिलसिले में वे लगातार प्रयास करते दिख रहे हैं। हाल ही में विपक्षी एकता का संदेश लेकर नीतीश कुमार दिल्ली भी गए थे, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी बातचीत की थी।
इसके बाद नीतीश कुमार ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की। फिर 27 अप्रैल को अखिलेश यादव दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से मिलने पहुंचे। हालांकि, उन्होंने इस मुलाकात को कुशलक्षेम के लिए की गई भेंट करार दिया है।
इधर, राजद सुप्रीमो लालू यादव शुक्रवार को पटना लौट आए। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुट होकर कोई ठोस रणनीति बना सकते हैं। वहीं, अगर विपक्षी एकता का आह्वान नीतीश कुमार ने किया है तो संभावना है कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी की मोर्चाबंदी पटना में हो।
वहीं, सासाराम हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी दंगों के दोषी होंगे, चाहे वह किसी भी दल के हों, उन पर कार्रवाई होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।