वाराणसी। धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी मे वरिष्ठ अधिवक्ता नूर फातिमा ने पहले तो गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश करते हुए अपनी जमीन पर भगवान शिव का मंदिर बनवाया लेकिन जब श्रद्धालुओ को दर्शन पूजन करने के लिए जगह छोटी पड़ी तो उन्होंने पास के प्लाट पर शिव दरबार भी बना दिया। गुरुवार के दिन विधिवत इसका लोकार्पण भी किया गया। नूर फातिमा के इस नेक कार्य की चर्चा पुरे दिन होती रही।
मालूम हो की बरेका स्थित रुद्रनगर कालोनी निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता नूर फातमा ने पूर्व मे अपने निजी प्लाट पर हिन्दू देवता भगवान शिव के मन्दिर का निर्माण कराया था। कालोनी सहित आस पास के श्रद्धांलु मन्दिर मे दर्शन पूजन के लिए जाते थे लेकिन आए दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण मन्दिर छोटा पड़ने से श्रद्धांलुओं को दर्शन पूजन मे दिक्क़त होती थी। इसको देखते हुए नूर फातिमा ने मन्दिर के पास अपने ही प्लाट मे श्रद्धांलुओं के लिए शिव दरबार का निर्माण अपने पैसे से कराकर गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश करते हुए मानवता को भी आगे बढ़ाने का काम किया।
गुरुवार के दिन विधिवत इस शिव दरबार का लोकार्पण प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल व श्रीकाशी विश्वनाथ मन्दिर न्याय परिषद के अध्यक्ष नागेंद्र पाण्डेय ने किया। इस मौके पर अधिवक्ता नूर फातिमा ने बताया की उनका शिव मे आस्था है और वो इसलिए उन्होंने इस मन्दिर का निर्माण कराया। उन्होंने बताया की हम अपने मजहब को भी मानते है और नमाज भी पढ़ते है ये संस्कार हमें अपने परिजनों से बचपन से ही मिला है और इस नेक कार्य मे उनका पुरा परिवार साथ देता है। उन्होंने बताया की 2004 मे उन्होंने शिव मन्दिर का निर्माण कराया था लेकिन यहाँ दर्शन पूजन के अलावा भजन कीर्तन के लिए आने वाली महिलाओ के लिए जगह छोटी पड़ रही थी इसलिए उन्होंने शिव सभागार का निर्माण कराया।
नूर फातिमा ने बताया की बचपन मे जब हम स्कूल जाते थे तो मेरी सहेली शशिकला थी और उसके पिता रोज उसके कॉपी के एक पन्ने पर राम राम लिखकर भर देते थे और कहते थे की इस पन्ने को राम राम से लिखकर भर दोगी तो एक रुपया देंगे और जब शशिकला स्कूल आती थी तो मै उसके कॉपी के पन्ने पर राम राम लिखकर भर देती थी। कुछ ऐसे ही संग साथ और विश्वनाथ की नगरी ने मुझे शिव के करीब ला दिया। पति के निधन के बाद हम शिव के हो गए और मेरा मन शिव मे लगा रहता है। उन्होंने कहाँ की शिव व खुदा एक है। इस दौरान समारोह मे आई गणेशपुर की नीलम देवी भगवान शिव का सभागार देखकर काफी खुश नजर आई उन्होंने बताया की यह पूर्ण का कार्य है।