वाराणसी। आल इण्डिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के आहवान पर अपनी लंबित मांगो के समर्थन मे रेलवे अधिकारी व कर्मचारी एक दिन के भूख हड़ताल पर बैठ गए। नार्दन रेलवे मेंस यूनियन वाराणसी इकाई के बैनर तले सैकड़ो रेल कर्मचारी वाराणसी स्टेशन के डायरेक्टर कार्यालय के समक्ष धरना दिए और जमकर नारेबाजी की। धरना प्रदर्शन सुबह दस से शाम साढ़े पाँच बजे तक चला। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहाँ की अगर उनकी माँगे जल्द से जल्द नहीं मानी गई तो कर्मचारी संघ रेल चक्काजाम कर देंगे।
धरना स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओ ने कहाँ की भारत सरकार लगातार रेलवे एवं अन्य सरकारी उपक्रमों को बेचने का काम करती जा रही है रेलवे विभाग मे रिक्त पड़े लाखो पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा रही है। वक्ताओ ने कहाँ की सरकार की नीतियाँ न केवल रेल कर्मचारियों को प्रभावित कर रही है बल्कि देश मे बेरोजगारी भी बुरी तरह से बढ़ रही है। सभी राजनितिक दल अपने एजेंडे पर काम कर रहे है। देश और रेल के बारे मे कोई बात नहीं कर रहा है। कर्मचारियों ने अपने पाँच सूत्री मांगो को लेकर धरना पर बैठ गए। जिसमे मुख्य रूप से मांगो मे रेलवे का निजीकरण और नगरीकरण बंद हो। पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। केडर रिस्ट्रक्चरिंग लागू किया जाए। वेतन आयोग का गठन किया जाए व महिलाओ को कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाए मिले।
कर्मचारियों ने कहाँ की आज भी सरकार की ओर से इस भूख हड़ताल का आयोजन को विफल करने के लिए हर तरह के प्रयास किए गए जो अत्यंत निंदनीय है लेकिन कर्मचारियो ने सरकारी कोशिशो और इनकी चालाकियो को नाकाम करते हुए धरना दिया और भूख हड़ताल पर बैठे। कर्मचारी नेताओं ने कहाँ की यह भूख हड़ताल सरकार को यह संदेश देने के लिए है की अगर हमारी जायज मांगो को नहीं माना गया तो हम कर्मचारिगण बड़े संघर्ष की तैयारी करेंगे।
धरने मे मुख्य रूप से मंडल उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र गौतम, शाखा सचिव सुनील कुमार सिंह, डीके सिंह, राजकुमार, सतीश कुमार सिंह, वाई.के मिश्रा, प्रमोद कुमार, रामतीर्थ यादव, धर्मेंद्र मिश्रा, रविंद्र नाथ चतुर्वेदी, भानू गुप्ता, रिंकी सिंह, सरोज यादव, अनुराधा आदि शामिल रही। अध्यक्षता जनरल शाखा अध्यक्ष राजेश शुक्ला ने किया।