अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के रोहाई गांव में फूड प्वाइजनिंग से करीब 15 लोग बीमार हो गए। मंगलवार की देर शाम दशहरा मेला में लगी दुकान में खाना खाने से अचानक लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसे ग्रामीणों के सहयोग से अरवल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीमार पड़ने वालों में 9 बच्चे हैं। सभी करपी थाना क्षेत्र के केश्वर बिगहा, बाजीतपुर और बारा गांव के रहने वाले हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आसपास के गांव के बच्चे दुर्गा पूजा में मेला घूमने के लिए गए थे। इस दौरान बाजार में ब्रेड और मिठाई खाई थी जिसके बाद वे लोग मेला घूम कर घर चले गए। मंगलवार की देर रात बारी बारी से बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद सभी बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा सभी बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
वहीं अरवल के इटवा गांव निवासी बाबूलाल बिंद और उसके बेटे कल्लू कुमार की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। लोगों ने बताया कि बाबूलाल बिंद मंगलवार को काम करने के लिए बैदराबाद बाजार में गया था जहां लिट्टी खाया था और घर में आकर सो गया था। देर रात अचानक तबीयत बिगड़ी और घर पर ही बाबूलाल बिंद की मौत हो गई। लोगों ने बाबूलाल के मौत पर फूड प्वाइजनिंग की आशंका जताई है। बाबू लाल के पुत्र कल्लू को बेहोशी की हालत में सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर अस्पताल के डॉक्टर महेंद्र प्रसाद ने बताया कि बच्चे को बेहोशी हालत में अस्पताल में लाया गया था जिसकी मौत हुई है। बच्चे में फूड प्वाइजन का कोई लक्षण नहीं है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने गांव पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद है खुलासा होगा कि बाप-बेटे की मौत फूड प्वाइजनिंग से या किसी अन्य कारण से हुई है।
फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए लोगों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि बीमार हुए लोगों में 9 बच्चे हैं इसलिए स्थिति नाजुक है। अगले 24 घंटे में रिकवरी की उम्मीद की जा रही है। बीमार हुए सभी लोग अभी खतरे से बाहर हैं। पीड़ित बच्चों के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और लापरवाही बरतने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।