उदवंंतनगर। सोमवार को नवरात्रि के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना कर मनोवांछित फल प्राप्ति की कामना किए। मंगलवार को नवमी तिथि होने के कारण बहुतेरे लोगों ने माता सिद्धिदात्री की भी पूजा अर्चना किया। और संध्या बेला में हवन किया। रविवार की रात निशा पूजा की गई। मंगलवार को महानवमी धूमधाम से मनाया जाएगा।इस दिन कुल देवी की पूजन की भी परम्परा रही है। सप्तमी तिथि को ग्रामीणों इलाकों में मां दुर्गा का पट देर शाम खुला।पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा पंडालों व देवी मंदिरों में उमड़ पड़ी।पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय कारें लगाए।पूरा वातावरण एकाएक बदल गया।सभी माता स्तुति करते दिखे।माता का आरती शुरू हुआ और लोगों ने भक्ति भाव से माता की अराधना किया। रात में निशा पूजा की गई। सोमवार को महागौरी की अराधना की गई। सोमवार को अपराह्न 4 बजे से नवमी तिथि की शुरुआत हुई। जिससे बहुतेरे भक्तों ने मंगलवार को नवमी होने के कारण सोमवार को 4 बजे के बाद से ही हवन कार्य संपन्न किए। मंगलवार को दिन में 1.33 बजे तक नवमी तिथि है उसके बाद दशमी तिथि का आगमन होगा। वैसे में मंगलवार को दिन में 1.33 बजे तक हवन कार्य संपन्न कराना होगा।जिन लोगों ने पूरे नवरात्रि उपवास रखा है उनका पारण बुधवार को दिन में दस बजे तक होगा। उसके बाद एकादशी तिथि का आगमन होगा। पूजा पंडालों व विभिन्न दुर्गा मंडपों को रौशनी से सजाया गया है। लाउडस्पीकर पर भक्ति गीत बजते सुने गए। लगभग सभी पूजा स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम अथवा नाटक मंचन किया गया। उदवंंतनगर बाजार स्थित पूजा स्थल पर जंगल राज नाटक का मंचन किया गया।
मेले में गुड़हा जलेबी का चला सिक्का,चाट भी कमजोर नहीं
उदवंंतनगर। नवरात्रि मेले में गुड़हा जलेबी व चाट की दावेदारी सबसे उपर रही। यों तो चाइनीज फूड भी कम नहीं बिके लेकिन बाजी मारते गुड़हा जलेबी ही दिखा। मेले में दर्जनों की संख्या में लगे जलेबी दुकानों पर पूरे दिन भीड़ दिखी।चाट का भी कारोबार बढ़ चढ़कर रहा। चाइनीज फूड पर अपेक्षाकृत कम भीड़ रही तो गोलगप्पे वालों की चांदी कटी।मेले में बच्चों के खेलनी की सामग्री भी खूब बिक्री। अधिकांश बच्चों के हाथ में गुब्बारे देखे गए।पूजन सामग्री और कृषि के छोटे औजार के कई दुकानें दिखी।
बारिश ने मेले का रंग किया फीका
उदवंंतनगर। नवरात्रि के महाअष्टमी के दिन में अचानक हुई झमाझम वर्षा ने मेले का रंग फीका कर दिया। वहीं पूजा पंडालों के रौनक बिगाड़ दिए। पंडालों का आकर्षण फीका पड़ गया। सुदूर देहातों से मेला देखने आनेवालों की भीड़ अचानक वर्षा से तितर बितर हो गया। बहुतेरे के कपड़े भींग गए जिससे मजा किरकिरा हो गया। उदवंंतनगर सहित विभिन्न बाजारों पर स्थित पूजा पंडाल के आसपास आयोजित मेले में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, नौजवानों की भीड़ रहती है।लोग मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन के साथ ही मेले का आनन्द उठाते हैं।इस वर्ष व्यापार अच्छी होने की संभावना थी।मौसम अगर साथ नहीं देता है तो मेले का आनंद किरकिरा हो जाएगा।