सर्दियों की शुरुआत में दिवाली और पराली जलाने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इससे निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने 15 सूत्रीय योजना तैयार की है। जिस पर बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम अक्सर देखते हैं कि सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसको रोकने के लिए हमारी सरकार पिछले कई सालों से मेहनत कर रही। इसी का नतीजा था कि चार साल की तुलना में 2021-22 में प्रदूषण काफी ज्यादा कम हुआ। उन्हीं सब पहलुओं को देखते हुए उनकी सरकार ने 15 सूत्रीय योजना तैयार की है-
1- पराली जलाने की वजह से ही दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, ऐसे में किसानों को बायो डीकंपोजर फ्री में दिया जाएगा, जिसे पूसा संस्थान ने तैयार किया है। इसकी मदद से पराली नष्ट हो जाएगी और उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2- धूल रोधी अभियान 6 अक्टूबर से शुरू होगा। जिसके तहत 586 टीमें निगरानी में लगेंगी। जहां पर 5000 स्क्वायर फीट से ज्यादा का निर्माण क्षेत्र है, वहां के लिए एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य है। अभी शहर में कुल 233 एंटी स्मॉग गन हैं।
3- वाहनों के प्रदूषण अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानी पीयूसी की जांच के लिए 380 टीमों का गठन।
4- किसी को भी खुले में कूड़ा जलाने की अनुमति नहीं होगी। इसकी निगरानी के लिए 600 टीमों का गठन।
5- औद्योगिक इकाइयां पाइप्ड प्राकृतिक गैस का उपयोग करेंगी। इसे लागू करने के लिए 33 टीमों का गठन किया गया है।
6- हर साल की तरह पटाखों पर प्रतिबंध जारी है। इस नियम को लागू करवाने के लिए 200 से ज्यादा टीमों का गठन किया गया है।
7- आईआईटी कानपुर की मदद ली जा रही। उनके साथ मिलकर प्रदूषण के कारणों का डेटा तैयार हो रहा। इसके लिए एक सुपर साइट बनाई गई है।