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ज्ञानवापी – श्रृंगार गौरी विवाद : ज्ञानवापी मे मिले शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच पर फैसला अब 7 अक्टूबर को

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर स्थित ज्ञानवॉपी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई गुरुवार को जिला जज एके विश्ववेश की अदालत मे हुई। आज की सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष से विष्णु शंकर जैन हिन्दू पक्ष के ही राखी सिंह के अधिवक्ता व मुस्लिम पक्ष ने अपना अपना पक्ष रखा। सभी पक्ष की दलिलो को सुनने के बाद अदालत अब इस मामले की सुनवाई की तिथि 7 अक्टूबर निर्धारित कर दी है।

 

गौरतलब हो की कमीशन की जांच के दौरान ज्ञानवापी परिसर मे शिवलिंग मिला था तभी से इसकी वैज्ञानिक जांच की माँग की जा रही है। अदालत मे हिन्दू पक्ष की तरफ से कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की तरफ से आवेदन दिया गया था। इसमें सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की भारतीय पुरातत्विक के एक्सपर्ट से कार्बन डेंटिंग या अन्य वैज्ञानिक तरिके से जांच कराने की माँग की गई थी। मुस्लिम पक्ष इसका विरोध तो कर ही रहा है जबकि कार्बन डेंटिंग की इस माँग का हिन्दू पक्ष की ही महिला वादिनी राखी सिंह की ओर से विरोध किया गया है।

कोर्ट मे सुनवाई के बाद बाहर आए हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया की ज्ञानवापी परिसर की कमीशन की जांच के दौरान  मिले शिवलिंग की जांच का उनकी तरफ से प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमे कार्बन डेंटिंग या अन्य तरह की जांच जो एएसआई अपना सकती है। वैसे जांच की माँग की जा है। उनकी यह भी माँग है कि शिवलिंग को बिना क्षती पहुंचाए वैज्ञानिक जांच हो लेकिन विपक्ष सिर्फ कार्बन डेंटिंग का विरोध कर रहा है।

 

विष्णु शंकर जैन से जब पूछा गया की हिन्दू पक्ष मे फूट क्यों हो गई है क्योंकि पाँच महिलाओ की ओर से दाखिल वाद मे से एक महिला राखी सिंह की ओर से कार्बन डेंटिंग का विरोध किया गया है। इस पर उन्होंने सीधे फूट की बात तो नहीं कहाँ लेकिन यह जरूर कहाँ की आज कोर्ट मे राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेंटिग के विरोध मे जो दलील रखी मुस्लिम पक्ष ने भी एक दो विन्दु छोड़कर वही बाते रखी। इसके अलावा जनसेवा संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने भी पक्षकार बनने के लिए आवेदन दाखिल किया।

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Author: Bakwas News

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